Shivraj government: शिवराज सरकार ने चुनावी साल में एक और बड़ा फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने महापौर, अध्यक्ष, पार्षदों का मानदेय बढ़ा दिया है। इससे पहले शिवराज सरकार ने सरपंच और पंचों का मानदेय बढ़ाया था। सरकार के इस फैसले का राजपत्र भी जारी हो गया है।
महापौर, अध्यक्ष, पार्षदों का मानदेय बढ़ाया गया
बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद से ही इस बात की चर्चा तेज थी कि महापौर, अध्यक्ष, पार्षदों का मानदेय बढ़ाया जाएगा। जब सरपंच और पंचों का मानदेय बढ़ा तो इस बात को और जोर मिला था। जबकि अब सरकार ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। यह आदेश मध्य प्रदेश राजपत्र में भी प्रकाशित हो गया है।
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अब ऐसा मिलेगा वेतन
- महापौर को अब 22 हजार रुपए पारिश्रमिक और 5 हजार भत्ता मिलेगा
- नगर निगम अध्यक्ष को 18 हजार रुपए पारिश्रमिक और 2800 भत्ता मिलेगा
- नगरीय निकायों के पार्षदों को 12 हजार रुपए वेतन मिलेगा
नगरीय निकायों में 12 साल बाद सैलरी में बढ़ोतरी हुई है, अभी मेयर की सैलरी 11 हजार थी इसके साथ ही उन्हें अलाउंस भी मिलता है। नगर निगम अध्यक्ष की सैलरी नौ हजार थी साथ ही नगर निगम पार्षद की सैलरी छह हजार है, इसके साथ ही उन्हें कई प्रकार का भत्ता भी मिलता है। वहीं नगर निगम पालिका अध्यक्ष की सैलरी अभी 3000 थी, उपाध्यक्ष की 2400 और पार्षद की 1800 है, नगर परिषद अध्यक्ष की सैलरी 2400, उपाध्यक्ष की 2100 और पार्षद की 1400 थी। लेकिन अब यह बढ़ गई है।
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2022 हुए थे नगरीय निकाय चुनाव
बता दें कि मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव 2022 में हुए थे। प्रदेश के 16 नगर निगमों महापौर चुनाव में 9 में बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि 5 कांग्रेस के जीते थे। इसके अलावा एक नगर निगम में आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी। एक महापौर प्रत्याशी निर्दलीय जीते थे। जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे।
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