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इस गांव में मिलती है स्नैचिंग, चोरी और बैंक लूट की ट्रेनिंग…फीस 2 लाख, 1 साल में शातिर बनाने की गारंटी

Madhya Pradesh Crime News: माता-पिता का सपना होता है कि बेटा-बेटी बड़े होकर कामयाब बनें। इसके लिए उन्हें बचपन से ही अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलवाया जाता है। क्या कोई मां-बाप ऐसा होगा, जो अपने बच्चों को चोर और लुटेरा बनाने के लिए सोचेगा? आपको अजीब बात बता रहे हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Aug 20, 2024 22:00
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Thief

Madhya Pradesh Crime: माता-पिता बचपन से ही सपना देखते हैं कि उसकी औलाद कामयाब होगी। कोई मां-बाप नहीं चाहता कि बच्चा गलत रास्ते पर चले। लेकिन मध्य प्रदेश के कुछ गांवों के बारे में बता रहे हैं। जहां माता-पिता बच्चों को अफसर नहीं, चोर बनाते हैं। वे अपने बच्चों का स्कूल में दाखिला नहीं करवाते। बल्कि बचपन से ही चोर बनाने के लिए ट्रेनिंग दिलवाते हैं। वो भी भारी फीस चुकाकर। जी हां, आपको अजीब जरूर लगा होगा। मध्य प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं, जहां पुलिस भी घुसने से डरती है। यहां बच्चों को चोर बनाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर चलाए जाते हैं। 2-3 लाख रुपये मोटी फीस चोरी, लूटपाट और पुलिस से बचने के तरीके सिखाने के एवज में ली जाती है। बच्चों की ट्रेनिंग भी एक साल चलती है।

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भोपाल से 117 किलोमीटर दूर राजगढ़ जिले में कादिया, हुलखेड़ी और गुलखेड़ी जैसे गांव पड़ते हैं। जिन्हें अपराधियों का गढ़ माना जाता है। यहां MP पुलिस भी घुसने से कतराती है। इन गांवों में बच्चों को चोर बनाने के ट्रेनिंग सेंटर चलाए जाते हैं। 12-13 साल के बच्चों को यहां खुद मां-बाप दाखिल करवाने के लिए आते हैं। आपराधिक गुट के सरगना बच्चों को मोटी फीस लेकर ट्रेंड करते हैं। बच्चों को कई प्रकार की क्रिमिनल एक्टिविटीज की ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों को जेब कतरना, भीड़भाड़ वाली जगहों पर बैग छीनना, पुलिस से बचाव के तरीके, वारदात के बाद फरार होना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद गैंग का सरगना इनको अगर अपने गैंग में शामिल करता है तो माता-पिता को 3-5 लाख रुपये देता है।

डेढ़ करोड़ की चोरी से खुला था राज

जयपुर के एक आलीशान होटल में 8 अगस्त को डेढ़ करोड़ के जेवर और 1 लाख रुपये कैश चोरी हुआ था। शादी हैदराबाद के उद्यमी के बेटे की थी। दूल्हे की मां का बैग एक बच्चा चुरा ले गया था। बाद में इस गैंग के बारे में पुलिस ने पता लगाया था। चोरी के बाद गैंग किदिया गांव पहुंचा था। पुलिस से बचने के लिए कई तरीके बदमाशों ने अपनाए। लेकिन पुलिस ने इनको दबोच लिया। पुलिस के अनुसार ये चोर इतने ट्रेंड होते हैं कि चोरी गहनों के रेट के बारे में देखते ही पता लगा लेते हैं। शादियों में बच्चों को तैयार कर भेजते हैं। जिन पर कोई शक नहीं करता। बाद में बच्चा बैग लेकर फुर्र हो जाता है। बदमाशों ने कईं वारदातें कबूल की हैं।

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पुलिस ने अनुसार इन गांवों में अगर कोई बाहरी शख्स प्रवेश करता है तो तुरंत बदमाशों को जानकारी मिल जाती है। महिलाएं भी बदमाशों की मदद करती हैं। इन गांवों में लगभग 2 हजार ऐसे लोग हैं, जिनके खिलाफ देशभर में केस दर्ज हैं। बताया जाता है कि अमीर लोग लाखों खर्च करके बदमाशों को हायर करते हैं। जिनसे अपराध करवाया जाता है।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 20, 2024 10:00 PM

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