MP News: एक समय ग्वालियर की लाइफलाइन रही स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने की उम्मीदे अब फिर से तेज होती नजर आ रही है, ग्वालियर पहुंची केंद्रीय जल आयोग जल शक्ति मंत्रालय और नर्मदा बेसिन संगठन की टीम ने स्वर्ण रेखा नदी का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ स्मार्ट सिटी नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
हाईकोर्ट में लगाई गई थी याचिका
दरअसल, ग्वालियर हाईकोर्ट में अधिवक्ता विश्वजीत रातोनिया ने एक जनहित याचिका दायर कर स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने की मांग की है। जिस पर हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन और नगर निगम को निर्देश दिए थे कि वह स्वर्णरेखा नदी से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करें, लेकिन बीती 4 मई को हुई सुनवाई के दौरान जब स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं की गई तो हाईकोर्ट ने सभी स्टेकहोल्डर्स को जमकर फटकार लगाई थी।
निरीक्षण की उठी थी मांग
न्यायालय की नाराजगी के बाद जिला प्रशासन सहित नगर निगम और स्मार्ट सिटी हरकत में आई और दिल्ली केंद्रीय जल आयोग जल शक्ति मंत्रालय को पत्र भेजकर स्वर्णरेखा नदी के निरीक्षण की मांग की थी। जिला प्रशासन की मांग पर केंद्रीय जल आयोग और नर्मदा बेसिन संगठन की टीम हनुमान बांध पर पहुंची जहां स्वर्णरेखा नदी के 13 किलोमीटर एरिया का निरीक्षण किया। निरीक्षण दल को लीड कर रहे नर्मदा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इंजीनियर आदित्य शर्मा ने कहा कि स्वर्ण रेखा नदी ग्वालियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट ने भी इस को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं।
13 किलोमीटर एरिया का निरीक्षण करने के बाद ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसको लेकर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ नर्मदा बेसिन संगठन और केंद्रीय जल आयोग की टीम मंथन करेगी। इस बैठक के जरिए स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित कैसे किया जा सकता है, उन कामों पर विचार किया जाएगा इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में भी दी जाएगी।
ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट