MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस लगातार मेहनत कर रही है। पार्टी एकजुटता पर भी काम कर रही है। लेकिन एक अंचल में नेताओं में गुटबाजी इस कदर हावी है कि वह एक दूसरे पर एफआईआर भी करा रहे हैं। जिससे कांग्रेस के लिए ‘मिशन-2023’ परेशानी खड़ी कर सकता है।
ग्वालियर-चंबल में गुटबाजी हावी
दरअसल, ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में जमकर गुटबाजी देखी जा रही है। कांग्रेस भले ही यहां की 34 में से 27 सीट जीतने का दावा कर रही है। लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि ग्वालियर चंबल में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी अब सड़क पर दिख रही है, जो कांग्रेस के लिए बीजेपी से बड़ी चुनौती बन सकती है। क्योंकि हाल के दिनों में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिससे यह बात स्पष्ट होती दिख रही है कि अंचल में कांग्रेस के नेताओं की पटरी एक दूसरे से बैठ नहीं रही है।
- जोरा विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे संजय सिंह यादव और माटू यादव के गुट में ग्वालियर में जमकर मारपीट तोड़फोड़ हुई
- ग्वालियर ग्रामीण से दावेदारी कर रहे हैं साहब सिंह गुर्जर और प्रदेश महामंत्री दशरथ के बीच मारपीट हुई, साहब सिंह पर FIR दर्ज हुई
- ग्वालियर सीट के लिए दावेदारी कर रहे योगेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस की बैठक के दौरान जिला अध्यक्ष के सामने ही बंदूक निकाल ली।
- कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक के खिलाफ वार्ड 52 के करीब 15 पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए। इस दौरान विधायक द्वारा अपमानित किये जाने सहित अन्य गंभीर आरोप भी लगे।
- ग्वालियर सीट पर दावेदार सुनील शर्मा और मितेंद्र सहित अन्य दावेदारो के बीच कोल्ड वॉर बढ़ रहा है।
बीजेपी ने साधा निशाना
उधर कांग्रेस की गुटबाजी पर बीजेपी ने निशाना साधा है। ग्वालियर से बीजेपी सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा कि कांग्रेस एक टूटा हुआ आशियाना है। कांग्रेस में संगठन नाम की कोई चीज नहीं है ना तो वहां कोई एसेसमेंट होता है ना ही कार्यकर्ताओं में अनुशासन है। यही वजह है कि कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है। उनका कहना है कि ग्वालियर चंबल ही नहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अलग-अलग क्षत्रप हैं, ये तो अभी शुरुआत है आगे आगे देखिए कांग्रेस में सिर फुटोव्वल की स्थिति बनेगी।
डेमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस
ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस में चल रही गुटबाजी और आए दिन होने वाली शिकायतों मारपीट और FIR को लेकर पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह सहित अन्य नेता भी नाखुशी जता चुके हैं। वहीं कांग्रेस इस मामले में अब डेमेज कंट्रोल में जुटी है। कांग्रेस नेता शिव भाटिया का कहना है कि कांग्रेस एकजुट है छोटी मोटी घटनाएं को छोड़ दिया जाए तो बाकी सब बीजेपी की साजिश है जो कांग्रेस को गुटबाजी के नाम पर बदनाम कर रही है।
बता दें कि ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में गुटबाजी चल रही है, लेकिन बीजेपी की गुटबाजी अंदर खाने हैं तो वहीं कांग्रेस की गुटबाजी लड़ाई के रूप में सड़कों पर आ रही है। यही वजह है कि भाजपा कांग्रेस पर निशाना साध रही है। तो वहीं कांग्रेस इसे भाजपा की साजिश बताकर पार्टी में ऑल इज वेल होने का दावा कर रही है। ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस इस ऑल इज वेल के जरिये 2023 में ग्वालियर चंबल अंचल के साथ ही प्रदेश में सत्ता तक पहुंच पाएगी।
ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट
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