MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न हो चुका है, 3 दिसम्बर को नतीजों का इंतजार है। राज्य में जहां विपक्षी पार्टी कांग्रेस का चेहरा कमलनाथ हैं, वहीं भाजपा ने अभी तक सीएम चेहरे पर मुहर नहीं लगाई है। इस बीच राज्य में डिप्टी सीएम के पद की भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि दोनों दलो में डिप्टी सीएम की कुर्सी रखी जा सकती है।
आलाकमान कर रहा है मंथन
राज्य में डिप्टी सीएम की कुर्सी के लिए, नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक चर्चा होने लगी है। क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने के लिए डिप्टी सीएम की कुर्सी रखे जाने की चर्चा है। बता दें कि स्थाई सरकार और विशिष्ट नेताओं को तवज्जो देने के लिए डिप्टी सीएम की कुर्सी रखी जा सकती है।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा हैं कमलनाथ
मध्य प्रदेश कांग्रेस में पीसीसी चीफ कमलनाथ मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। वहीं, बीजेपी दिल्ली से सीएम का चेहरा तय करेगी। सीएम की दौड़ में शामिल नेताओं को मनाने के लिए प्रदेश में दो दशक बाद डिप्टी सीएम का पद लाए जाने के अनुमान हैं।
मप्र में अब तक चार डिप्टी सीएम रहे
बता दें कि राज्य में अब तक चार डिप्टी सीएम रह चुके हैं। प्रदेश को पहला डिप्टी सीएम 30 जुलाई 1976 को मिला था। जनसंघ की सरकार में पहली बार डिप्टी सीएम का पद लाया गया था। सीएम गोविंद नारायण सिंह के कार्यकाल में बीरेंद्र कुमार सखलेचा डिप्टी सीएम बनें थे, जिनका कार्यकाल 30 जुलाई 1976 से 12 मार्च 1969 तक रहा था। इसके बाद अर्जुन सिंह के मुख्य मंत्रित्वकाल में शिवभानु सिंह डिप्टी सीएम सोलंकी बने थे। वहीं 1993 से 1998 तक सीएम दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में सुभाष यादव डिप्टी सीएम रहे। 1998 से 2003 तक जमुना देवी डिप्टी सीएम रहीं।