CM Mohan Yadav Join MP Aatmanirbhar Panchayat: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार प्रदेश के कोने-कोने तक विकास को पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य के गांवों तक सरकारी सुविधाओं और विकास कार्यों पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसी बीच राज्य सरकार द्वारा राजधानी भोपाल में आत्मनिर्भर पंचायत समृद्ध मध्य प्रदेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएम मोहन यादव ने पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति अपनी खेती की जमीन कभी न बेचे, क्योंकि आने वाले समय में खेती की कीमत बढ़ने वाली है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में “आत्म निर्भर पंचायत – समृद्ध मध्यप्रदेश” कार्यक्रम का शुभारंभ https://t.co/pLdLwofgfd
---विज्ञापन---— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 23, 2024
‘बढ़ेगी खेती की कीमत’
भोपाल में 23 से 25 जुलाई तक आत्मनिर्भर पंचायत समृद्ध मध्य प्रदेश कार्यक्रम चलेगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश के 52 जिलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेगें। इस 3 दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि सीएम मोहन ने लोगों से कहा कि अब से अपनी कोई भी जमीन मत बेचना, क्योंकि आने वाले समय में खेती की कीमत बढ़ेगी। खेती के मामले में मध्य प्रदेश हरियाणा और पंजाब पीछे छोड़ने वाला है। इसके अलावा सीएम मोहन ने कहा कि जो व्यक्ति 10 गाय से जो ज्यादा पालेगा उस व्यक्ति को गो पालक लॉ अनुदान दिया जाएगा। साथ ही सरकार दूध पर भी बोनस देने वाली हैं। राज्य सरकार ने यह फैसला गोपालन को बढ़ावा देने के लिए लिया है।
यह भी पढ़ें: केंद्र के आर्थिक सर्वेक्षण में मोहन सरकार की तारीफ, एमपी सरकार की ये मांग
बदलने वाली बुंदेलखंड की स्थिति
इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने कहा कि बुंदेलखंड में स्थिति बदलने जा रही है। बुंदेलखंड के विकास के लिए मोदी सरकार 1 लाख करोड़ रुपये देने जा रही है। मोदी सरकार लगातार मध्य प्रदेश के विकास के चिंता कर रही है। 1 लाख 75 हजार करोड़ की धनराशि से राज्य का विकास हो रहा है। इसके साथ ही असली भारत तो गांवों के बसता है, दुनिया में भारत की अलग पहचान क्यों है, उसका सबसे बड़ा कारण गांव है, जो प्यार दुनिया को चाहिए वह भारत के गांवों में मिल जाता है। गुंडों के लिए पुलिस चाहिए होती है, गांव के लोगों के लिए पुलिस नहीं चाहिए। गांव के संभ्रांत परिवार के लोग तो पुलिस के नाम से डर जाते हैं अगर पुलिस उनके घर के बाहर किसी को बुलाने के लिए भी आ जाए तो वह उसे ठीक नहीं मानते हैं।