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झारखंड के रांची में है ‘चमत्कारी कुआं’, पानी के साथ उगलता है सोना

miraculous well of Jharkhand: झारखंड के रांची में एक चमत्कारिक कुएं की कहानी हर किसी को हैरान करने वाली है। बताया जाता है कि इस कुएं में पानी के साथ सोना निकलता है लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि उस सोने को कोई भी इंसान अपने साथ नहीं ले जाता।

Edited By : Hemendra Tripathi | Updated: Oct 30, 2023 12:54
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miraculous well of Jharkhand: देश में कई ऐसे अजीबोगरीब स्थान हैं, जिन्हें लोग चमत्कारिक स्थान के रूप में देखते हैं। ऐसे चमत्कारिक स्थानों के पीछे का रहस्य कई लोगों ने जानने की कोशिश की है, लेकिन किसी के हाथ कोई जानकारी नहीं लगी। ऐसा ही एक चमत्कारिक स्थान झारखंड के रांची में मौजूद है, जहां स्थित एक चमत्कारिक कुएं की कहानी हर किसी को हैरान करने वाली है। बताया जाता है कि इस कुएं में पानी के साथ सोना निकलता है लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि उस सोने को कोई भी इंसान अपने साथ नहीं ले जाता।

कुएं के पास से गुजरती है ‘स्वर्णरेखा नदी’

झारखंड की राजधानी रांची के नगरी में स्थित इस कुआं के समीप बने शिव मंदिर के पुजारी देवेंद्र ने बातचीत करते हुए एक निजी मीडिया संस्थान को बताया कि यह चमत्कारी कुआं काफी प्राचीन है। इस कुएं से पानी निकालने के दौरान पानी के साथ सोने के कण भी निकलते है लेकिन पानी निकालने वाला कोई भी व्यक्ति सोने के कण को अपने पास रख नहीं पाता। उन्होंने बताया कि कुएं के पास से ही झारखंड की सबसे लंबी नदी स्वर्णरेखा निकलती है। सोना निकलने की वजह से ही झारखंड की सबसे लंबी नदी का नाम स्वर्णरेखा पड़ा।

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हर दैविक कार्य में इस्तेमाल होता है चमत्कारी कुएं का पानी

शिव मंदिर के पुजारी देवेंद्र बताते हैं कि इस चमत्कारी कुएं से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ बाहर से भी लोग यहां पूजा पाठ करने आते हैं। लोगों का मानना है कि इस सोना उगलने वाले चमत्कारी कुएं को साक्षात् देवी का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने बताया कि इस पूरे नगरी प्रखंड में होने वाले किसी भी धार्मिक कार्य के लिए इस चमत्कारी कुएं के पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

सोने का कण पास रखने वाले के साथ होता है हादसा

शिव मंदिर के पुजारी देवेंद्र ने कुएं से निकलने वाले सोने के कण को अपने पास न रखने के पीछे की कहानी को बताते हुए कहा कि लोग इस चमत्कारी कुएं के पानी को धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पूजते हैं और इसीलिए कोई भी व्यक्ति अपने पास सोने के कण को नहीं रखता है। इसके साथ ही, कुएं के पानी से निकलने वाले सोने के कण को अगर कोई अपने पास रखना भी चाहे तो उसके साथ कोई न कोई हादसा हो जाता है। इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि बीते समय में ऐसा कई बार हुआ है जब इस चमत्कारी कुएं से पानी निकालते वक्त कुछ सोने के कण हाथ में आ जाते हैं लेकिन लोग उसे अपने साथ ले जाने के बजाए वापस कुएं में ही डाल देते हैं। उन्होंने बताया कि एक दो बार ऐसा भी हुआ है जब किसी ने सोने के कण को अपने पास रखना चाहा, जिसके बाद इस चमत्कारी कुएं से वापस लौटते समय उस व्यक्ति के साथ बड़ा हादसा हो गया। हालांकि, अब लोग ऐसा नहीं करते हैं।

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मौसम कोई भी हो… कभी नहीं सूखता कुएं का पानी

पुजारी बताते हैं कि पूरे नगरी प्रखंड में सबसे अधिक धान की खेती होती है और खेती के दौरान पूरे खेत में इसी चमत्कारी कुएं के पानी का इस्तेमाल होता है। उन्होंने बताया कि मौसम चाहे भीषण गर्मी का हो या कोई और… इस कुएं का पानी कभी नहीं सूखता है। इतना ही नहीं, इस चमत्कारी कुएं में तय सीमा में पानी सालों-सालों तक भरा रहता है। कुएं का पानी उस तय सीमा से न नीचे जाता है और न ही ऊपर आता है। कई बार कुछ लोगों ने इस कुएं के पानी को नापने की भी कोशिश की, लेकिन कोई भी इस कुएं की गहराई आज तक नाप नहीं पाया है। इसके साथ ही इस कुएं का इतिहास है कि इस कुएं में किसी की भी आज तक डूबकर मौत नहीं हुई है। यदि गलती से कोई इस कुएं में गिर भी जाता है तो वह आसानी से बाहर निकल जाता है। यही वजह है कि लोग इसे चमत्कारी कुआं मानते हुए इसमें श्रद्धा रखते हैं और इसे पूजते भी हैं।

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Edited By

Hemendra Tripathi

First published on: Oct 30, 2023 12:54 PM

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