Jharkhand Niyojan Niti: झारखंड में नियोजन नीति (Niyojan Niti 2023) को लेकर विरोध जारी है। गुरुवार को विधानसभा घेराव करने जा रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी दागे हैं।
जवाब में प्रदर्शनकारी युवाओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
रांची के डीसी राहुल सिन्हा ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मौके पर पुलिस मौजूद है, प्रदर्शनकारियों को जल्द हटाने की कोशिश जारी है। आंसू गैस के गोले का भी इस्तेमाल किया गया है।
#WATCH झारखंड: नई रोजगार नीति के खिलाफ रांची में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/LDtue3SIz7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2023
पूर्व तय कार्यक्रम था ये प्रदर्शन, फिर क्यों बिगड़ी बात
झारखंड के अलग-अलग हिस्सों से हजारों युवा विधानसभा का घेराव करने के लिए रांची पहुंचे थे। यह पहले तय कार्यक्रम था। इसलिए युवाओं का हुजूम विधानसभा की तरफ बढ़ रहा था। लेकिन पुलिस ने पहले ही बैरिकेडिंग कर दी। इससे छात्र उग्र हो गए और वे बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए आगे।
युवा खेतों की तरफ से विधानसभा की तरफ बढ़े
चूंकि पुलिस पूरी तरह अलर्ट थी तो युवाओं को रोक दिया गया। नाराज युवा नारेबाजी करते रहे। इस बीच कुछ युवा नारेबाजी करते हुए खेतों के रास्ते विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। वहां भी पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्रों ने जवाब में पत्थर फेंके। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। छात्रों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर किया गया है। इलाके में भारी फोर्स तैनात है।
क्या है नियोजन नीति में? पुराने नियम क्या थे?
14 फरवरी 2016 को तत्कालीन सरकार ने एक नियोजन नीति बनाई थी। इसमें 13 जिलें को अनुसूचित और 11 जिलों को गैर अनुसूचित बनाया गया था। उसके हिसाब से अनुसूचित जिलों में ग्रुप सी और डी की नौकरियों में राज्य के निवासियों को ही नौकरी मिलने का प्रावधान था। जबकि गैर अनुसूचित जिलों की नौकरी के लिए कोई भी अप्लाई कर सकता है।
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इस नियम को हेमंत सोरेन सरकार ने बदल दिया है। अब अन्य राज्यों के लोग भी अप्लाई कर सकते हैं। 60 फीसदी स्थानीय और 40 फीसदी अन्य राज्यों को नौकरी दी जाएगी। इसी का युवा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि 60:40 का नियम नहीं चलेगा। जातीय जनगणना की भी मांग की जा रही है।
सोरेन के लिए युवा केवल वोट बैंक
वहीं, इस पूरे मसले पर सियासत भी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी ने कहा कि रांची में नियोजन नीति व छात्र हित के मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं छात्रों पर यह बर्बरतापूर्ण कार्रवाई बता रही है कि सोरेन सरकार के लिए राज्य के युवा केवल वोट बैंक थे और कुछ नहीं। छात्रों के ऊपर बरस रही है क्या कि लाठियां झारखंड के इस निरंकुश सरकार की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा?
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