ED Arrests Alamgir Alam : झारखंड सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम (70) को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि उनके नौकर के घर से कोरोड़ों रुपये की राशि मिली थी। ईडी ने उन्हें अपने रांची कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले मंगलवार को भी उनसे पूछताछ की गई थी। पिछले सप्ताह ईडी ने उनके निजी सचिव संजीव लाल और लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था। इन दोनों से जुड़े एक फ्लैट में 32 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ था।
ED arrests Jharkhand Minister and Congress leader Alamgir Alam in connection with a huge cash recovery from the household help of his PS Sanjeev Lal. pic.twitter.com/0GxcZkrmc1
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 15, 2024
ईडी ने हाल ही में संजीव लाल और जहांगीर आलम समेत आलम के कई करीबियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान रांची के एक फलैट से 32 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुए थे। कथित तौर पर यह फ्लैट जहांगीर आलम का है। इसके अलावा अन्य जगहों से करीब 4 करोड़ रुपये मिले थे। कुल मिलाकर 36 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हो चुका है। ईडी का कहना है कि इस मामले में कई बड़े वरिष्ठ नेताओं और नौकरशाहों के नाम सामने आए हैं। बता दें कि मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने आलम से करीब 10 घंटे कर पूछताछ की थी।
क्या है मामला, ईडी का क्या है दावा?
यह मामला राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। सितंबर 2020 में ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम व अन्य के खिलाफ पुलिस की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामला दर्ज किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मार्च 2023 में एक एफआईआर दर्ज की थी। वीरेंद्र कुमार को ईडी ने पिछले साल अरेस्ट कर लिया था। ईडी का दावा है कि वह कमीशन लेता था जिसका डेढ़ प्रतिशत हिस्सा अधिकारियों और नेताओं को जाता था। इस मामले में जांच-पड़ताल अभी चल रही है।
आलमगीर 4 बार रह चुके हैं विधायक
4 बार विधायक रहे आलमगीर आलम फिलहाल संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय संभाल रहे हैं। अक्टूबर 2006 से दिसंबर 2009 तक उन्होंने राज्य के विधानसभा अध्यक्ष का पद भी संभाला था। सरपंच के चुनाव से राजनीति में एंट्री करने वाले आलम ने 2000 में पहली बार आलम पाकुड़ सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी अकील अख्तर के सामने विधायकी का चुनाव जीता था। प्रदेश की राजनीति में आलम की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में जब नई सरकार बनी तो उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने की अटकलें थीं।