नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने रिसर्च स्कॉलर और एक्टिविस्ट सफूरा जरगर के यूनिवर्सिटी कैंपस में एंट्री पर बैन लगा दिया है। बता दें कि दिल्ली दंगों के मामले में अप्रैल 2020 में सफूरा जरगर के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्हें मानवीय आधार पर 20 जून 2020 को उस वक्त जमानत दी गई थी, जब वे प्रेग्नेंट थी।
जामिया की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह देखा गया है कि सफूरा जरगर (पूर्व छात्रा) कुछ छात्रों के साथ शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने के लिए कैंपस में आंदोलन और विरोध मार्च आयोजित करने में शामिल रही हैं। वे छात्रों को उकसा रही हैं। यूनिवर्सिटी के छात्र और कुछ अन्य छात्रों के साथ अपने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडे के लिए यूनिवर्सिटी के मंच का उपयोग करने की कोशिश कर रही हैं।
सामान्य कामकाज में भी बाधा डालने का है आरोप
इसके अलावा कार्यालय की ओर से जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि सफूरा जरगर संस्था के सामान्य कामकाज में बाधा डाल रही है। इन बातों को देखते हुए और शांतिपूर्ण शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए कैंपस में उनके प्रवेश पर बैन लगाया जाता है।
जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन ने सफूरा जरगर के यूनिवर्सिटी से नामांकन रद्द करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कई छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर ने एक लिखित आदेश में कहा कि ज़रगर के समर्थन में विरोध प्रदर्शन में कई छात्रों की भागीदारी जामिया के नियमों का घोर उल्लंघन है।
बता दें कि 29 अगस्त को यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से उनका एडमिशन कैंसिल कर दिया गया था। सफूरा जामिया से MPhil की स्कॉलर थीं।