Haryana Political Crisis: हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 की वोटिंग से पहले राज्य सरकार के अल्पमत में होने को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद जेजेपी और कांग्रेस राज्यपाल को पत्र लिखकर कह चुके हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में हैं। विधानसभा का सत्र बुलाकर सरकार को बहुमत साबित करना चाहिए। इस बीच खबर है कि जेजेपी के बागी 6 विधायक पाला बदलने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें से 4 बीजेपी के तो 2 कांग्रेस के संपर्क में हैं। जानकारी के अनुसार सभी 6 विधायक विधानसभा स्पीकर को विधानसभा में नेता बदलने के लिए लिखित में पत्र दे सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो हरियाणा में जेजेपी का वही हाल होगा जो महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी का हुआ।
हरियाणा में निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद से ही पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर काफी एक्टिव है। वे लगातार जेजेपी विधायकों के संपर्क में हैं। मनोहर लाल स्वयं यह दावा कर चुके हैं कि जेजेपी और कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। बता दें के पिछले दिनों तीन निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने भाजपा से अपना समर्थन लेकर कांग्रेस को दे दिया। इसके बाद से ही प्रदेश में भाजपा की सरकार अल्पमत में है।
6 बागी बन सकते हैं जेजेपी के लिए खतरा
संवैधानिक प्रावधानों की मानें तो प्रदेश में मार्च 2024 में नई सरकार ने शपथ ली थी। ऐसे में 6 महीने से पहले विपक्ष बहुमत परीक्षण की मांग नहीं कर सकता है। इसको देखते हुए सितंबर तक सैनी सरकार को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस और जेजेपी की बहुमत परीक्षण की मांग के बीच देवेंद्र बबली, जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा से गुरुवार को पानीपत में मुलाकात की थी। यह मुलाकात सहकारिता मंत्री महीपाल डांडा के आवास पर हुई थी। विधायक जोगीराम और रामनिवास पहले ही बीजेपी सरकार के साथ हैं। वहीं देवेंद्र बबली मनोहर लाल के करीबी है। देवेंद्र बबली इस कोशिश में है कि बागी 6 विधायकों की मदद से दुष्यंत चौटाला को साइडलाइन कर स्वयं विधानसभा में पार्टी के नेता की भूमिका में आ जाए। बबली इस कोशिश में दुष्यंत और उनकी मां को छोड़कर बाकी सभी विधायकों को अपने पाले में कर लिया जाए।
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