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कैथल एसडीएम पर गिरी गाज, EC की वेबसाइट हैकिंग का है मामला

Election Commission Action : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता चुनावी रण में कूड़ पड़े हैं। हरियाणा के एक मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की। EC ने पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया।

चुनाव आयोग ने बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर नया आदेश जारी किया है।
Election Commission Action : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक पार्टियां चुनाव में पूरी तरह से एक्टिव हो गई हैं। दलों के उम्मीदवार भी अपने क्षेत्रों में जाकर वोट मांग रहे हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने बड़ा एक्शन लेते हुए पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। वहीं, चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक करने के मामले में कैथल के एसडीएम पर गाज गिरी। राज्यपाल के आदेश पर एसडीएम ब्रह्म प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला? आपत्तिजनक भाषा से जुड़ा है मामला आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से हरियाणा के कैथल में दो जनसभाएं करने के लिए अनुमति मांगी थीं। इस पर EC ने उनके आवेदनों को अस्वीकार कर दिया। आप ने आरोप लगाया कि आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया। AAP ने निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की थी। यह भी पढ़ें : श्री राजपूत करणी सेना फिर आई चर्चा में, हिरासत में महिपाल सिंह मकराना EC ने की कार्रवाई मामला संज्ञान में आते ही EC ने सख्त एक्शन लिया और पांच कंप्यूटर ऑपरेटरों को निलंबित कर दिया। साथ ही पुलिस को मामले की छानबीन करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में यह बात सामने आ रही है कि EC का पोर्टल हैक हो गया था। कुरुक्षेत्र से आप के उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव हरियाणा में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीट बंटवारा हुआ। आप के खाते में सिर्फ एक सीट कुरुक्षेत्र आई है, जहां से पार्टी ने सुशील गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा है। आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद आप के उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने एक वीडियो जारी कर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव से पहले शरद गुट को झटका! भाजपा में वापसी कर सकते हैं बड़े नेता AAP ने लगाया बड़ा आरोप AAP प्रत्याशी सुशील गुप्ता ने कहा कि चुनाव आयोग हरियाणा में बीजेपी का पंगू बन गया है। AAP द्वारा 7 अप्रैल को दो कार्यक्रम की अनुमति मांगी गई थी। अनुमति को रिजेक्ट करके आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया। क्या इस देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता है? EC ऐसी भाषा का इस्तेमाल करेगा इससे शर्मनाक बात कुछ हो नहीं सकती। इस तरह का खिलवाड़ देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।


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