मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर रहने वाली फरमानी द्वारा हर-हर शंभू भजन गाने के बाद उनके खिलाफ फतवा जारी हुआ है। सूत्रों के मुताबिक फतवे में कहा गया है, ये शरीयत के खिलाफ है, फरमानी तौबा करें। आपको बता दें कि यू-ट्यूब सिंगर फरमानी नाज ने पिछले दिनों कांवड़ यात्रा के दौरान हर-हर शंभू भजन गाया था, जिसे काफी लोगों ने पसंद किया था।
'हर हर शंभू' गाने पर मुस्लिम गायिका फरमानी नाज के खिलाफ देवबंद के उलेमा का फतवा–
---विज्ञापन---"ये शरीयत के ख़िलाफ़, फरमानी करे तौबा" pic.twitter.com/mOLGAakZPo
— News24 (@news24tvchannel) August 1, 2022
---विज्ञापन---
24 जुलाई को अपलोड किया था गाना
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर के मोहम्मदपुर माफी गांव की रहने वाली फरमानी नाज का ‘फरमानी नाज सिंगर’ के नाम से यू-ट्यूब चैनल है। इंडियन आइडल के मंच से लौटने वाली फरमानी ने कांवड़ यात्रा 2022 के दौरान 24 जुलाई को हर-हर शंभू गाना गाते हुए एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो को लोगों ने काफी पसंद किया। लोगों ने उनकी गायकी और मुस्लिम होते हुए हर-हर शंभू गाने की तारीफ की। वहीं देवबंदी उलेमा उनसे खफा हो गए थे।
गाना और नाचना इस्लाम में जायज नहीं
देवबंद के उलेमा मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा था कि इस्लाम में किसी भी तरह का गाना और डांस करना जायज नहीं है। यह इस्लाम में वर्जित है। मुसलमानों को ऐसी किसी भी चीज से बचना चाहिए जो वर्जित है। महिला द्वारा गाया गया गीत अनुमेय नहीं है, यह वर्जित है। उसे इससे बचना चाहिए।
Singing and dancing of any sort is not permissible in Islam. This is forbidden in Islam. Muslims should refrain from anything that is forbidden. The song sung by the woman is not permissible, it is forbidden. She should refrain from it: Maulana Mufti Asad Qasmi, Ulama of Deoband pic.twitter.com/xV0wP0rt9B
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 1, 2022
मोहम्मद रफी ने भी भजन गाए थे
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक फरमानी नाज ने कहा था कि कलाकारों का कोई धर्म नहीं होता। जब वह गाती हूं तो बाकी सब भूल जाती हूं। उन्होंने कहा कि मैं कव्वाली भी गाती हूं। यहां तक कि मोहम्मद रफी और मास्टर सलीम ने भी भक्ति गीत गाए। मुझे कभी कोई धमकी नहीं मिली। अब थोड़ा विवाद है, हमें पता चला, लेकिन हमारे घर कोई कुछ कहने नहीं आया।
As per Constitution, every citizen can do anything to praise a religion but should not hurt anybody's sentiments. There's no problem with that. Until I listen to the lyrics of the bhajan, I can't issue any statement on it. Until then I can't say anything about it: Mufti Zulfiqar pic.twitter.com/kcSXgABm09
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 1, 2022
… लेकिन किसी भी भावनाएं आहत न हों
इनके अलावा मुफ्ती जुल्फिकारी ने कहा कि संविधान के अनुसार, प्रत्येक नागरिक किसी धर्म की प्रशंसा करने के लिए कुछ भी कर सकता है, लेकिन किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। इसमें कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक मैं भजन के बोल नहीं सुनता, मैं उस पर कोई बयान नहीं दे सकता। तब तक मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।