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गुजरात

राफेल और सुखोई फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट से गूंजेगा गुजरात, वायुसेना की होगी जबरदस्त एयर एक्सरसाइज

गुजरात के आसमान में जल्द ही राफेल और सुखोई फाइटर जेट्स की गड़गड़ाहट गूंजेगी। भारतीय वायुसेना एक बड़ी एयर एक्सरसाइज करने जा रही है, जिससे देश की सुरक्षा और ताकत का प्रदर्शन होगा। यह अभ्यास खास तौर पर बढ़ते सुरक्षा खतरे के बीच बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Author Written By: bhupendra.thakur Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Jun 4, 2025 16:20
Indian Air Force
Indian Air Force

भारतीय वायुसेना फिर से अपने ताकतवर लड़ाकू विमानों के साथ एक खास अभ्यास करने जा रही है। यह अभ्यास गुजरात के तटीय इलाके में होगा, जहां आधुनिक फाइटर जेट आसमान में उड़ान भरेंगे। खास बात यह है कि इस दिन आसमान का एक हिस्सा आम विमानों के लिए बंद रहेगा, जिससे वायुसेना बिना रुकावट के अपना काम कर सके। यह कदम बढ़ते सुरक्षा खतरों के बीच बहुत अहम माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस अभ्यास का क्या मकसद है।

वायुसेना का बड़ा एयर एक्सरसाइज गुजरात के तट के पास

गुजरात के तटवर्ती क्षेत्र में भारतीय वायुसेना एक बड़ी एयर एक्सरसाइज करने जा रही है। इसके लिए एक दिन के लिए एयरस्पेस को रिजर्व कर दिया गया है और इसके बारे में NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी किया गया है। यह अभ्यास राजकोट के पास, पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा के करीब, अरब सागर के इलाके में किया जाएगा। यह एक्सरसाइज 4 जून को दोपहर 3:30 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा। इस दौरान आसमान में भारतीय वायुसेना के ताकतवर फाइटर जेट्स जैसे राफेल, सुखोई-30 और जैगुआर नजर आएंगे।

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अभ्यास का मकसद और क्या होगा इसमें?

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वायुसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाना और उसकी ऑपरेशनल तैयारी की जांच करना है। इस दौरान वायुसेना दुश्मन के टारगेट को सिमुलेट करके एयरस्ट्राइक की सटीकता को परखेगी। इस तरह के अभ्यास से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जरूरत पड़ने पर वायुसेना कितनी तेजी और प्रभावशाली ढंग से कार्रवाई कर सकती है। ये ट्रेनिंग वायुवीरों को अलग-अलग परिस्थितियों में काम करने की तैयारी भी देती है। एयरस्पेस को सुरक्षित रखने के लिए इस दौरान अन्य नागरिक विमानों की उड़ानों पर रोक रहेगी।

NOTAM क्या है और क्यों जरूरी है

यहां यह जानना जरूरी है कि NOTAM यानी ‘नोटिस टू एयरमेन’ एक तरह की आधिकारिक जानकारी होती है, जिसे विमान उड़ाने वाले पायलट्स, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स और एविएशन से जुड़े सभी अधिकारियों को पहले से भेजा जाता है। इसका मकसद सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी या दुर्घटना न हो। इस एक्सरसाइज के चलते गुजरात के कई हिस्सों में लोगों को लड़ाकू विमानों की तेज आवाजें सुनाई दे सकती हैं।

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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच इस एयर एक्सरसाइज की अहमियत

भारतीय वायुसेना ने पिछले महीने 7 और 8 मई को भी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के दक्षिणी हिस्से में एक बड़ी एयर एक्सरसाइज की गई थी। उस अभ्यास में भी राफेल और सुखोई जैसे एडवांस्ड फाइटर जेट्स शामिल थे। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए ऐसे अभ्यास को बेहद अहम माना जा रहा है। इससे भारत की रक्षा तैयारी मजबूत होती है और वायुसेना के जाबांजों को हर हालात में तुरंत एक्शन लेने की ट्रेनिंग मिलती है।

First published on: Jun 04, 2025 04:20 PM

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