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गुजरात सरकार की इस योजना से बिजनेस करने वाली महिलाओं को मिलेगी सब्सिडी, कैसे उठाएं लाभ, जानें

Mahila Swavalamban Yojana: गुजरात सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से महिला स्वावलंबन योजना लागू की है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Feb 12, 2025 19:19
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Mahila Swavalamban Yojana
Mahila Swavalamban Yojana

Mahila Swavalamban Yojana: गुजरात में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार हमेशा प्रयासरत रहती है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ‘महिला स्वरोजगार योजना’ महिलाओं को उनके हुनर के आधार पर स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

इस योजना के तहत, जो महिलाएं अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, उन्हें ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, अगरबत्ती, सभी प्रकार के मसाले, कढ़ाई, मोती का काम, दूध उत्पादन सहित 307 व्यवसायों के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया जाता है।

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किन्हें मिलेगा लाभ

राज्य में 18 से 65 साल की आयु की कोई भी महिला इस योजना का लाभ उठा सकती है। इस योजना में सब्सिडी दर श्रेणी के अनुसार निर्धारित की जाती है। जिसमें सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए परियोजना लागत का 30% अथवा अधिकतम 1 लाख रुपये तक की धनराशि मंजूर की जाएगी।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत या 60,000 रुपये मिलेंगे। 50,000 और विधवा महिलाओं और 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाली महिलाओं को 40 प्रतिशत या 80,000 रुपये तक की सब्सिडी, जो भी कम हो, उपलब्ध है।

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इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले वे लोग जिनके परिवार की वार्षिक आय 25 लाख रुपये है, उन्हें लाभ मिलेगा। 1,50,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,20,000 रुपये तक की कुल संपत्ति वाली कोई भी महिला अप्लाई कर सकती है।

इस योजना का मकसद महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए आवश्यकता आधारित सहायता देना है। महिला स्वावलंबन योजना के जरिए गांधीनगर की परमार हर्षाबेन आनंदभाई ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया है और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है।

हर्षाबेन ने शुरू किया खुद का व्यवसाय

शुरुआत में हर्षाबेन एक निजी नौकरी करती थीं और 15,000 रुपये मासिक वेतन कमाती थीं। तभी उनके मन में अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा जागी। महिला स्वावलंबन योजना के बारे में जानने के बाद उन्होंने कपड़े की दुकान शुरू करने के लिए आवेदन किया। प्रॉपर वेरिफिकेशन के बाद उन्हें 10,000 रुपये दिए गए। कम ब्याज दर पर 2,00,000 रुपये की ऋण सब्सिडी मंजूर की गई।

आज हर्षाबेन सफलतापूर्वक अपनी दुकान चला रही हैं और नौकरी से बेहतर कमाई कर रही हैं। इस व्यवसाय से होने वाली आय से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं और परिवार की आर्थिक मदद भी कर रही हैं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हर्षाबेन की सफलता की कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।

हर्षाबेन महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण हैं। गुजरात महिला आर्थिक विकास निगम लिमिटेड द्वारा महिला स्वावलंबन योजना के तहत, हर्षाबेन जैसी गुजरात की कई महिलाओं ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया है और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है। जो महिलाएं इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, वे अपने जिले के महिला एवं बाल अधिकारी कार्यालय से योजना का फार्म ले सकती हैं।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Feb 12, 2025 07:19 PM

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