Sudan Conflict: सूडान में सेना और अर्द्धसैनिकों की जंग के बीच करीब 4 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। इन भारतीयों के परिवार बेहद चिंतित हैं। उनका अपनों से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। शुक्रवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। कई अन्य राज्यों से भी ऐसी मांग उठ रही है।
ऐसे में केंद्र सरकार सूडान में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए जुट गई है। शुक्रवार की दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हाईलेवल मीटिंग की। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सूडान में भारत के राजदूत रवींद्र प्रसाद जायसवाल और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी जुड़े। पीएम मोदी ने सुरक्षा समीक्षा करने के बाद अधिकारियों से भारतीयों की निकासी योजना पर काम करने का निर्देश दिया है।
जानें मीटिंग के खास पॉइंट
- पीएम मोदी ने सूडान की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। साथ ही भारतीयों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी पहली रिपोर्ट ली है।
- पीएम ने सूडान में भारतीय की मौत पर दुख जाहिर किया। 16 अप्रैल को सूडान में काम करने वाले एक भारतीय नागरिक की गोली लगने से मौत हो गई थी।
- पीएम मोदी ने अधिकारियों को सतर्क रहने, घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया है। सरथ ही भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का लगातार मूल्यांकन और उन्हें हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया।
PM Modi chairs high-level meeting to review security of Indians in Sudan; Jaishankar, Kwatra attend
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---विज्ञापन---— ANI Digital (@ani_digital) April 21, 2023
विदेश मंत्री बोले- हम फंसे हुए भारतीयों के संपर्क में हैं
विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने कहा कि सरकार सूडान में फंसे भारतीयों के साथ लगातार संपर्क में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सूडान में स्थिति तनावपूर्ण है। मंत्रालय वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर काम कर रहा है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नई दिल्ली संबंधित देशों के साथ संपर्क में रहने के अलावा घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी निकासी योजना जमीनी स्थिति पर निर्भर करेगी। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पहले ही भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान देने के साथ हिंसा प्रभावित सूडान में जमीनी स्थिति पर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अपने समकक्षों से बात कर चुके हैं।
2021 में हुआ था सैन्य तख्तापलट, तभी से चल रहा तनाव
दरअसल, 2021 में सूडान में सैन्य तख्तापलट हुआ था। उसके बाद से सेना और अर्द्धसैनिक बलों से जनरल के एक संप्रभु परिषद के जरिए देश पर शासन चल रहा है। सेना के चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान परिषद में नंबर एक की हैसियत रखते हैं। जबकि नंबर दो पर अर्धसैनिक कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो हैं। अद्धसैनिक बल को अब्देल सूडानी सेना में शामिल कराना चाहते हैं। लेकिन कमांडर मोहम्मद हमदान इसे 10 साल के लिए टालना चाहते हैं। यही संघर्ष की प्रमुख वजह है।
सूडान में अब तक 300 से ज्यादा मौतें
लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद बीते शनिवार को सूडान में हिंसा भड़क गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दक्षिण खार्तूम में आरएसएफ बेस के पास हिंसा, जोरदार विस्फोट और गोलियां चली। आरएसएफ ने खार्तूम हवाईअड्डे पर नियंत्रण कर लिया। ताजा रिपोर्ट के अनुसार सूडान में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। डॉक्टरों के एक गुट का कहना है कि सूडान में मरने वालों का आंकड़ा बहुत ज्यादा है। सड़कों पर लाशें पड़ी हैं, इनमें वे लोग ज्यादा हैं जो गोली लगने के बाद अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाए।
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