राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन मामले पर संसद में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जवाब दिया है। नितिन गडकरी ने बताया कि यह फैसला सरकार का नहीं बल्कि NGT का है। उन्होंने बताया कि एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई गई।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने पुराने वाहनों पर रोक नहीं लगाई है, बल्कि NGT ने ही NCR में पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। नितिन गडकरी ने यह जवाब लिखित रूप में एक प्रश्न के जवाब में दिया है।
अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की वाहन स्क्रैपिंग नीति 15 साल पुराने वाहनों के इस्तेमाल पर बैन नहीं लगाती। उन्होंने आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने NCR के राज्यों के परिवहन विभागों को निर्देश दिया है कि NGT के 7 अप्रैल, 2015 के आदेश के अनुसार 10 साल से पुराने सभी डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चलेंगे।
पुरानी गाड़ियों पर बैन का क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध का मामला वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए लागू किए गए उपायों से जुड़ा हुआ है. इसके तहत 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को ‘एंड-ऑफ-लाइफ’ (EOL) कहते हुए बैन करने की बात कही गई थी। ऐसी गाड़ियों को पेट्रोल या डीजल देने पर रोक है। दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई 2025 से EOL वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन न देने और सड़कों पर पकड़े जाने पर जब्त करने का अभियान शुरू किया था। हालांकि इसका विरोध होने पर रोक लगा दी गई थी।
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने CAQM को लिखा था पत्र
भारी विरोध के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को 1 नवंबर 2025 तक स्थगित कर दिया था और कहा गया था कि एक नवंबर के बाद यह नीति NCR में लागू की जाएगी। इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM को पत्र लिखकर नियम को कुछ दिन के लिए स्थगित करने और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, सोनीपत, गौतम बुद्ध नगर (NCR) में भी लागू करने का अनुरोध किया था।