Litigant Demands Death For A Judge, नई दिल्ली: हम अपने साथ हुई नाइंसाफी से पार पाने की आस में कोर्ट में पहुंचते हैं। जज जो तय करता है, वही हर किसी को मंजूर होता है, लेकिन सोचिए कि अगर कोई व्यक्ति एक जज के सामने खड़ा हो जज की मौत की मांग ले तो क्या हो? हाल ही में दिल्ली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां जज के सामने कठघरे में खड़े एक शख्स ने न सिर्फ भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों, बल्कि जज के लिए भी सजा-ए-मौत की मांग कर डाली। उसने कोर्ट में चिल्ला-चिल्लाकर कहा इनको गोलियों से भून दिया जाए। बहरहाल, न्याय मांगने पहुंचा यह शख्स खुद आरोपी बन बैठा। आइए जानें, क्या है इस अटपटी मांग की दिलचस्प वजह…
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दिल्ली के नरेश शर्मा नामक एक शख्स ने आजाद भारत की तमाम सरकारों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा अफसरों पर की थी हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से कार्रवाई की मांग
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याचिका खारिज हुई तो डिविजन बेंच में याचिका लगा जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की तुलना कर डाली शैतान से, कहा-फायरिंग स्क्वॉड द्वारा दी जाए मौत
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मिली जानकारी के अनुसार खुद को आईआईटियन बताते नरेश शर्मा नामक एक शख्स ने बीते दिनों कोर्ट में आजाद भारत की आज तक तमाम सरकारों में कथित भ्रष्टाचार की जांच संबंधी याचिका लगाई थी। 27 जुलाई को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इतना ही नहीं, जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ऐसी आधारहीन याचिकाओं पर नियंत्रण के लिए नियम बनाने को भी कहा था।
नरेश शर्मा ने सिंगल बेंच के उस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली। यहां जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की सिंगल बेंच के फैसले को निराधार और मानहानि वाला बताते हुए नरेश की तरफ से सरकारी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। गजब तो तब हो गया, जब याचिकाकर्ता नरेश शर्मा ने भ्रष्टाचार के कथित आरोपी अधिकारियों ही नहीं, बल्कि जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा को भी फायरिंग स्क्वॉड के द्वारा गोलियां चलवाकर सजा-ए-मौत मांग ली। नरेश शर्मा ने जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की तुलना शैतान से करते हुए कहा कि उन पर राजद्रोह का केस चलाया जाए और मौत की सजा पर विचार किया जाए।
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अब दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की डिविजन बेंच ने बीती 31 अगस्त को इस अपील पर सुनवाई की और नरेश शर्मा के आरोपों को खारिज कर दिया। इसी के साथ नरेश शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर अदालत की आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू किए जाने संबंधी सफाई मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को रोस्टर बेंच के सामने होगी।