---विज्ञापन---

दिल्ली

‘कॉमेडी मजाक या कमेंट नहीं बल्कि…; पढ़ें कुणाल कामरा-इमरान मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

कुणाल कामरा विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मुद्दे पर टिप्पणी आई है। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने इमरान प्रतापगढ़ी मामले में यह टिप्पणी की। इमरान केस का निपटारा हो गया है और उसके खिलाफ दर्ज केस खारिज करने का आदेश दिया गया है।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 28, 2025 15:09
Supreme Court vs Lokpal Order
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।

कॉमेडियन कुणाल कामरा को लेकर छिड़े विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर एक टिप्पणी की है। कांग्रेस माइनॉरिटी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कांग्रेस सांसद की याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कॉमेडी मजाक या कमेंट नहीं हैं, बल्कि यह जीवन को सार्थक बनाती है। कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को और ज्यादा सार्थक बनाते हैं। बेशक लोग दूसरे द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचार व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने टिप्पणी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्यायालय का कर्तव्य है, विशेषकर तब जब बात अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हो। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ गीत मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को खारिज कर दिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हास्य अभिनेता कुणाल कामरा के व्यंग्यात्मक स्टैंड-अप एक्ट के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा को लेकर छिड़े विवाद और बहस के बीच आई है।

---विज्ञापन---

 

क्या है इमरान प्रतापगढ़ी मामला?

कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतापगढ़ी ने गुजरात उच्च न्यायालय के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें FIR रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि जांच अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए केस खारिज नहीं कर सकते। 3 जनवरी को प्रतापगढ़ी पर जामनगर में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह को लेकर भड़काऊ गीत शेयर करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे) सहित कई धाराएं शामिल की गई थीं। प्रतापगढ़ी द्वारा एक्स हैंडल पर अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में उन्हें फूलों की बारिश के बीच हाथ हिलाते हुए दिखाया गया है, साथ ही बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा है। एफआईआर में दावा किया गया है कि गाने के बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं। इस केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की और प्रतापगढ़ी को बड़ी राहत दी।

 

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 28, 2025 12:33 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें