Fake Medicine Factory Caught in Ghaziabad: दिल्ली पुलिस ने 1.10 करोड़ की नकली दवाइयां बरामद करके अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नकली दवाइयों का कारोबार करने वाले गिरोह के 2 सरगना, दवाई निर्माता, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और फार्मासिस्टों समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
2 दिन पहले दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद में छापेमारी करके इंटरनेशनल ब्रांड की पेन किलर्स, शुगर-बीपी और माइग्रेन की दवाइयों समेत एंटीबायोटिक्स की नकली दवाइयां जब्त की थीं। शामली और गाजियाबाद में इन दवाइयों को बनाने के लिए फैक्ट्री लगाई गई थी। रैकेट के तार दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से जुड़ रहे हैं।
Delhi | A total of 10 persons including two kingpins, manufacturers, wholesalers, retailers and pharmacists have been arrested in connection with an interstate drug racket of counterfeit medicines busted by Delhi Police. Multiple international brand life-saving medicines…
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 7, 2024
2 दिन पहले गाजियाबाद में मारी थी रेड
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद के साहिबाबाद में नकली दवाइयों की फैक्ट्री खुली थी। दिल्ली के औषधि विभाग, क्राइम ब्रांच, गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर रेड मारी थी। इस रेड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा से मिली जानकारी के अनुसार, मुखबिर ने नकली दवाइयों की फैक्ट्री के बारे में बताया था।
रेड में दवाइयां बनाने की मशीन, पैकेजिंग का सामान और एक करोड़ से ज्यादा की बनी बनाई दवाइयां मिलीं, जिन पर नामी कंपनियों की पैकेजिंग थी। इस दवाइयों में बीपी, शुगर, माइग्रेन की टैबलेट समेत पेन किलर और एंटी बायोटिक्स थीं। मौके से दवाइयां बना रहे विकास चौहान नाम शख्स को भी गिरफ्तारी किया गया था। उसकी निशानदेही पर आज 10 गिरफ्तारियां हुई हैं।
चंद पैसों के लिए लोगों के सेहत से खिलवाड़
कैसे विश्वास करे की आप कौन सी दवाई खा रहे हैं? कितने विश्वास के साथ लोग दवा खाते है कि ठीक हो जाएंगे, पर ये नकली दवाइयां उन्हें जिंदगी नहीं मौत दे रही है I
गाजियाबाद में गैस, शुगर व BP की नकली दवाईयां बनाई जा रही थी। राजेंद्रनगर… pic.twitter.com/yBkIMKacVA
— Dr Vikas Kumar (@drvikas1111) March 6, 2024
बल्ब बनाने वाली कंपनी की आड़ में चलता था कारोबार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने दवाइयों के 14 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। दवाइयां कोलकाता और हैदराबाद में सप्लाई की जाती थीं। LED बल्ब बनाने वाली कंपनी की आड़ में दवाइयां बनाई जाती थीं। फैक्ट्री के बाहरी हिस्से में बल्ब बनाए जाते थे और अंदरुनी हिस्से में दवाइयां बनाने की मशीनें लगी थीं।
राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री थी और न्यू डेफेंस कॉलोनी भोपुरा में गोदाम बनाया हुआ था। जो दवाइयां मिली हैं, वे सन फार्मा, डॉ. रेड्डी लैब, ग्लेनमार्क, Telma-H, Telma-M पेंटोसिड DSR, ओमेज DSR, मॉबीजॉक्स आदि ब्रांड की हैं। तेलंगाना और रुड़की से नकली दवाइयां बनाने के लिए कच्चा माल मंगवाया जाता था।