Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो को रोजाना करीब 30 लाख यूनिट बिजली की जरूरत होती है। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा डिस्कॉम से तकरीबन 2 एमयू बिजली मिलती है। जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 24 दिसंबर 2002 में (रेड लाइन) हुई थी। बता दें सबसे पहली मेट्रो शाहदरा से तीसहजारी के बीच चलाई गई थी, जो 8.4 किलोमीटर है।
डीएमआरसी के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में शहर की बिजली का करीब 2.5 फीसदी का खर्च होता है। डीएमआरसी को अपने ऑफ साइड सोलर प्लांट के जरिए 99 मेगावाट बिजली मिलती है। इसके अलावा रूफटॉफ सोलर प्लांट से तकरीबन 140 मेगावाट बिजली मिलती है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 288 स्टेशनों के साथ लगभग 392.44 किलोमीटर का है।
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— Delhi Metro Rail Corporation (@OfficialDMRC) December 13, 2024
इमरजेंसी के लिए भी की है तैयारी
जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो डिस्कॉम पर केवल 50% ही निर्भर है। इसके अलावा मेट्रो के पास अपना आपातकालीन बैकअप प्रोजेक्ट भी है। जिसके तहत आपातकालीन स्थिति में डीएमआरसी के ट्रैक्शन में एक लाइन पर औसतन चार सब-स्टेशन रहते हैं। इनमें से किसी एक के फेल हो जाने पर भी अन्य सब-स्टेशनों से बिजली ली जा सकती है।
संचालन में दिल्ली और केंद्र सरकार की भागीदारी
जानकारी के अनुसार मध्यप्रेदश से दिल्ली मेट्रो को 0.9 मिलियन यूनिट बिजली मिलती है। बता दें दिल्ली मेट्रो के निर्माण और संचालन को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की समान इक्विटी भागीदारी के तहत अधिनियम, 1956 के तहत मई 1995 में पंजीकृत किया गया था।
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