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अब काम की नहीं दिल्ली में यमुना की मिट्टी, प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Delhi Yamuna River : दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खुलासा हुआ है कि दिल्ली में यमुना की मिट्टी उपयोग के लायक नहीं बची है।

Edited By : Pratyaksh Mishra | Updated: Oct 20, 2023 14:33
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Yamuna River In Delhi : देश में नवरात्रि का सेलिब्रेशन मनाया जा रहा है, इसके साथ ही दिवाली के लिए भी तैयारियां तेज हो गई हैं। वहीं दिल्ली में यमुना का पानी खराब होने के साथ ही अब यमुना की मिट्टी भी उपयोग के लायक नहीं बची है। एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है, हालात यह हैं कि अब इस मिट्टी से दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां भी नहीं बनायी जा सकती।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया कि एनजीटी को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें यमुना नदी में प्रदूषण कम करने के मकसद से जल बोर्ड और डीडीए द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं में लापरवाही देखने को मिली। बता दें कि नदी के उत्थान के लिए एसटीपी का निर्माण, कॉलोनियों में सीवर लाइनें बिछाना और सीवरों से गाद निकालना शामिल है।

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अनुपयोगी हुई यमुना की मिट्टी

यमुना की मिट्टी अब अनुपयोगी हो चुकी है, अब इससे मिट्टी के बर्तन नहीं बनाए जा सकते, इसका कारण है कि नदी के जल के ठहर जाने से उसमे गाद मिल गई है। दरअसल, यमुना का मैदान दोमट मिट्टी से बना है, जिसमें तलछट, मिट्टी और रेत होती है, लेकिन जल प्रदूषण के कारण इसमें गन्दी गाद मिल गई है। बता दें कि जब तक नदी का पानी बहता रहता है तब तक उसका रेत धुलता रहता है। यमुना की मिट्टी का निक्षेप नदियों द्वारा लायी गयी तलछट से हुआ है। यह मिट्टी पोटाश से भरपूर है, लेकिन नाइट्रोजन में कम है जबकि मध्य महाराष्ट्र की मिट्टी काली मिट्टी है जिसमें चूना लोहा मैग्नीशियम कैल्शियम कार्बोनेट एल्यूमिना और पोटाश होता है। यमुना के मैदान की मिट्टी दोमट है, जबकि मध्य महाराष्ट्र की मिट्टी चिकनी है।

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Written By

Pratyaksh Mishra

First published on: Oct 20, 2023 02:33 PM

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