Delhi Pollution update: लगातार पराली के धुएं और वाहनों के कारण दिल्ली की हवा में जहर घुलना बंद नहीं हो रहा। दिल्ली यातायात पुलिस लगातार वाहन चालकों के प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण चालान काट रही है। लेकिन लोग फिर भी बाज नहीं आ रहे। पिछले साल की बात करें, तो पुलिस ने इस साल 46 फीसदी अधिक चालान किए हैं। इसके बाद भी दिल्ली का एक्यूआई लगातार खराब स्थिति में जा रहा है।
वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जरूरी है ड्राइविंग के लिए
पुलिस की ओर से निर्देश है कि वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) होना आवश्यक है। इसकी प्रतिलिपि को भी पुलिस अलाऊ करती है। यानी सड़क पर चलने की परमिशन सिर्फ उन वाहनों को है, जो विनियमित उत्सर्जन मानदंडों का पालन करते हैं। जो वाहन नियमों का पालन नहीं करते, उनके खिलाफ 115 केंद्रीय मोटर वाहन नियम, मोटर वाहन अधिनियम 1988 , 1989 की धारा 190 (2) के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।
आंकड़ों पर गौर करें, तो पुलिस ने इस साल 158762 चालान काटे हैं। गत वर्ष इस समय तक एक लाख 8 हजार 100 चालान किए गए थे। यानी पुलिस ने पिछले साल के बजाय अब तक 46 फीसदी लोगों के अधिक चालान किए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया है कि लगातार लोगों को जागरूक करने के साथ कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली में सबसे अधिक चालान दरियागंज सर्किल में 6306 किए गए हैं।
2021 में सिर्फ 52388 लोगों के चालान
सबसे कम लाजपत नगर में 3785 हुए हैं। 2021 में सिर्फ पुलिस ने 52388 लोगों के चालान किए थे। इस साल सबसे अधिक मोटरसाइकिल चालकों के 69190 चालान काटे गए हैं। स्कूटर सवार चालकों के 49219 चालान किए गए हैं। 33754 कार चालकों पर कार्रवाई की गई है। 1556 ऑटो चालकों पर भी नियम तोड़ने के बाद जुर्माना लगाया गया है। छोटा हाथी चालकों के 1139 चालान किए गए हैं।
(Xanax)
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