Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने एक चीनी तस्कर को अरेस्ट किया है। पुलिस ने आरोपी का लगभग 2500 किलोमीटर तक पीछा किया। बाद में उसे तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से दबोच लिया गया। NIA ने इस तस्कर पर 2 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। आरोपी लाओस और थाईलैंड के गोल्डन ट्रायएंगल में युवाओं को फंसाकर चीनी कंपनियों में जबरन काम करवाता था। तस्कर की पहचान कामरान हैदर उर्फ जैदी के तौर पर हुई है। हैदर भारत में बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था।
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वह उन्हें विदेश में नौकरी लगवाने का झांसा देकर फंसाता था। युवाओं को विदेश भेजता, वहां उनका पासपोर्ट छीन लिया जाता था। इसके बाद उन युवाओं को चीनी कंपनियों में काम करने को मजबूर किया जाता था। ये कंपनियां भारतीय लोगों से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देती हैं। आरोपी के खिलाफ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में केस दर्ज किया गया था। उसके खिलाफ नरेश लखवत नाम के शख्स ने शिकायत दी थी।
2,500-km Chase, China Firm That Scammed Indians: How Cops Caught Trafficker https://t.co/OWu40mZv3I pic.twitter.com/yzlqRtlIh2
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शिकायतकर्ता को नौकरी की तलाश थी। जिसके बाद उसने अली इंटरनेशनल सर्विस नाम की कंसल्टेंसी फर्म से संपर्क किया था। फर्म ने थाईलैंड में नौकरी का झांसा देकर भेजा था। वहां जाते ही उसका पासपोर्ट छीन लिया गया और एक चीनी कंपनी में काम करने पर मजबूर किया गया। इस कंपनी के जरिए विदेश में फ्रॉड किया जाता था। जिसके बाद इस केस को नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) को ट्रांसफर किया गया था।
नामपल्ली स्टेशन से दबोचा आरोपी
एनआईए की जांच में पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ था। इन लोगों का गिरोह भारतीय, अमेरिकी और यूरोपीय लोगों को निशाना बनाता था। जांच में पता लगा कि गिरोह में साहिल, मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, पवन यादव उर्फ अफजल और आशीष उर्फ अखिल शामिल थे। गिरोह का सरगना कामरान हैदर निकला। सभी मानव तस्करी में लिप्त थे। जांच में ये भी पता लगा कि भारतीय लोगों से बुरा सलूक किया जाता था।
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जो भी शख्स इनके चंगुल से भागने की कोशिश करता, उससे क्रिप्टोकरेंसी के जरिए वसूली की जाती थी। हैदर को पकड़ने के लिए पुलिस ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी रेड की थी, लेकिन आरोपी लगातार लोकेशन बदल रहा था। बाद में उसकी लोकेशन हैदराबाद मिली, उसे नामपल्ली रेलवे स्टेशन के पास से अरेस्ट किया गया है।