पुलिस ने दिल्ली के करोल बाग में 1 किलो सोना लूटने वाली गैंग को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली की सेंट्रल जिला पुलिस ने 72 घंटे के लगातार ऑपरेशन के बाद लुटेरों को दबोचा है. इस गैंग के लोग एक ज्वैलरी वर्कशॉप में फर्जी पुलिस और इनकम टैक्स अधिकारी बनकर घुसे थे. छापेमारी के नाम पर ये लोग सोना लेकर फरार हो गए थे. लेकिन पुलिस ने इस गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इनके पास से 435.03 ग्राम सोना, 3.97 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं. इसके साथ ही वारदात में यूज की गई Brezza, Urban Cruiser और Swift Dzire गाड़ियां भी मिली हैं. इनके पास से फर्जी पुलिस आईडी कार्ड होल्डर और लैंयार्ड भी मिले हैं.
कैसे दिया वारदात को अंजाम?
यह पूरा मामला 27 नवंबर 2025 का है. करोल बाग की एक ज्वैलरी वर्कशॉप में पांच लोग पहुंचे. एक आरोपी पुलिस की वर्दी में था जबकि बाकी चार ने खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताया. उन्होंने वर्कशॉप में फर्जी तलाशी ली. कर्मचारियों के मोबाइल छीन लिए. CCTV का DVR निकालकर 1.1 किलो सोना लेकर भाग गए. इसके बाद प्रसाद नगर थाने में FIR दर्ज करवाई गई.
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1200 किलोमीटर तक किया पीछा
दिल्ली पुलिस ने 250 से ज़्यादा CCTV फुटेज खंगाले. दिल्ली और हरियाणा के कई शहरों – दिल्ली, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, सोनीपत, रोहतक, हांसी, झज्जर, जिंद और हिसार में ताबड़तोड़ छापेमारी की. तीन संदिग्ध गाड़ियां चिह्नित की गईं. इसके आधार पर पुलिस ने लगातार गैंग का पीछा किया. पहली बड़ी कामयाबी तब मिली जब मुख्य आरोपी संदीप को बहादुरगढ़ से गिरफ्तार किया गया. उसकी जानकारी के आधार पर राकेश, शमिंदर पाल, लवप्रीत और परविंदर को भी दबोच लिया गया.
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‘स्पेशल 26’ फिल्म से ली प्रेरणा
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गैंग ने पूरी वारदात की प्लानिंग बॉलीवुड फिल्म ‘स्पेशल 26’ से प्रेरित होकर की थी. संदीप, जो खुद को MP सरकार के जनसंपर्क विभाग का OSD बताता था, इस पूरी टीम को तैयार किया था. परविंदर ने इलाके में सोने के बड़े कारोबारियों की जानकारी जुटाई थी. बाकी आरोपियों ने फर्जी इनकम टैक्स और पुलिस बनकर सोना लूटने की साज़िश रची. लूटे गए सोने में से 428 ग्राम सोना बेच भी दिया गया था, जिसका पैसा आपस में बांट लिया गया। पुलिस ने उसका कुछ हिस्सा भी जब्त कर लिया है.
गैंग में कौन-कौन था?
- परविंदर (42) – सरकारी कर्मचारी, कथित मास्टरमाइंड
- संदीप (30) – खुद को OSD बताता था, टीम का आयोजक
- लवप्रीत सिंह उर्फ काका (30) – फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी
- शमिंदर पाल सिंह उर्फ सिन्नी (43) – फर्जी पुलिस सब-इंस्पेक्टर
- राकेश शर्मा (41) – प्रॉपर्टी डीलर, फर्जी आईडी कार्ड और लैंयार्ड देने वाला










