नई दिल्ली: गलत वाटर मीटर रीडिंग पर केजरीवाल सरकार सख्त हो गई है। अब गड़बड़ी होने पर मीटर रीडर और एजेंसी दोनों पर एफआईआर दर्ज होगी। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सभी 21 बिलिंग एजेंसिंयों के साथ आज बैठक की। उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग में गड़बड़ी पर अब बिलिंग एजेंसियां भी जिम्मेदार होंगी। मीटर रीडर की डिटेल्स को आधार से लिंक किया जाएगा। मीटर रीडर के गड़बड़ी करने पर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग के खिलाफ जागरुक किया जाएगा। मीटर रीडर को न्यूनतम मानदेय ना देने वाली एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
जल बोर्ड के कुल 41 जोन हैं
दरअसल, दिल्ली जल बोर्ड के कुल 41 जोन हैं। जिसमें 21 जोन में बिलिंग के लिए प्राइवेट एजेंसियों को नियुक्त किया गया है। इस बैठक में इन सभी कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे और उपाध्यक्ष को अपने-अपने जोन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विधायक सौरभ भारद्वाज ने सभी जोन के प्रतिनिधियों से पूछा कि वो अपने मीटर रीडर्स को कितनी सैलरी देते हैं और अच्छा काम करने वाले मीटर रीडर्स को कैसे प्रोत्साहित करते हैं। इस बातचीत में उपाध्यक्ष ने पाया कि कुछ एजेंसियां अपने मीटर रीडर्स को न्यूनतम मानदेय से कम भुगतान करती हैं। इसका संज्ञान लेते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एजेंसियां अगर मीटर रीडर को न्यूनतम मानदेय नहीं देंगी तो वो चोरी करना शुरू करेगा।
न्यूनतम मानदेय से कम भुगतान करने वाली एजेंसियों को नोटिस
विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि न्यूनतम मानदेय से कम भुगतान करने वाली एजेंसियों को नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि कई लोग तो मुझसे सीधी शिकायत करके बताते हैं कि मीटर रीडर ने उनसे बिल कम कराने के लिए पैसे मांगे। सरकार के वेंडर अगर इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे तो इसे भ्रष्टाचार मान कर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। अब अगर ऐसी शिकायत पकड़ी गई तो कंपनी और मीटर रीडर दोनों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
दिल्ली जल बोर्ड चलाएगा जागरुकता अभियान
दिल्ली जल बोर्ड उपभोक्ताओं के लिए एक जागरुकता अभियान भी चलाएगा। जिसमें लोगों को इस बारे में जागरुक किया जाएगा कि कोई भी मीटर रीडर आपसे कुछ पैसे के बदले में आपकी रीडिंग कम करने का प्रलोभन देता है तो ऐसा ना होने दें। क्योंकि अगर ऐसा होता है तो रीडिंग कम कराने के बाद भी बचा हुआ बिल आपको अगले बिल साइकिल में देना पड़ेगा। इस जागरुकता अभियान के लिए दिल्ली जल बोर्ड उपभोक्ताओं को पत्र और अन्य माध्यमों से जागरुक करेगा।