---विज्ञापन---

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर महिलाएं हुईं आत्मनिर्भर, भानुप्रतापपुर की लक्ष्मी चक्रधारी बनीं मिसाल

National Rural Livelihood Mission: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर बहुत सी महिलाएं आत्मनिर्भर बनी है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 4, 2024 19:02
Share :
national rural livelihood mission
national rural livelihood mission

National Rural Livelihood Mission: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रही हैं और अपने परिवार के जीविकोपार्जन में मदद कर रही हैं। जिले की ग्रामीण महिलाएं भी इस मिशन के तहत स्व सहायता समूह से जुड़कर कार्य कर रही हैं। साथ ही विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों के माध्यम से अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से मिला लाभ

भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत आसुलखार कनकपुर निवासी लक्ष्मी चक्रधारी भी ऐसी ही ग्रामीण महिला हैं, जिन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत बिहान योजना से लाभ मिला है। आसुलखार में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा में ‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’ के माध्यम से  लक्ष्मी ने बताया कि वह समूह में जुड़ने से पहले खेती-मजदूरी का कार्य करती थी, जिसके कारण परिवार की आय भी बहुत कम थी। जब से वह समूह से जुड़ी हैं तबसे उनके जीवन स्तर में काफी सुधार आया है।

यह भी पढ़ें: बचपन में हो गया था अनाथ, मेहनत ने दिया साथ, बन गए डिप्टी कलेक्टर, पढ़ें आशीष की सक्सेस स्टोरी

15 हजार रुपए की प्राप्त हुई राशि

उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2013 में दुर्गा स्वसहायता समूह से जुड़ी हैं और समूह में 12 सदस्य हैं। समूह के शुरूआत में 15 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई और इस राशि का उपयोग समूह के सदस्यों ने पोषण बाड़ी में सब्जी के उत्पादन कार्य में किया। बाड़ी से प्राप्त सब्जी का उपयोग सभी सदस्यों ने अपने-अपने घर के लिए किया और बाकी सब्जियों को बेचकर कर अच्छी आय भी प्राप्त की।

यह भी पढ़े: ‘जीवन के हर क्षेत्र में चुनौतियां हैं’, बोले-  जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल 

50 हजार रुपए का हुआ लाभ

लक्ष्मी ने बताया कि इस प्रकार 07 हजार रुपए की सीआईएफ राशि मिलने के साथ धीरे-धीरे आमदनी बढ़ती गई। इसके बाद समूह द्वारा साबुन एवं निरमा बनाना शुरू किया गया और इस कार्य से समूह के सदस्यों को लगभग 50 हजार रुपए से अधिक का लाभ हुआ। उन्होंने बताया कि समूह से प्राप्त आय और बैंक लिंकेज से लोन लेकर अपने खेत में बोर खनन भी कराया, जिससे उन्हें खेतों में सिंचाई की सुविधा मिली है। इस तरह अब वह खरीफ और रबी दोनों सीजन में धान की फसल लेने की तैयारी कर रही हैं और इससे उत्पादन भी बढ़ेगा और आमदनी भी बढ़ेगी।

First published on: Feb 04, 2024 07:02 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें