---विज्ञापन---

छत्तीसगढ़ में फिर से शुरू होगी 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा, साय सरकार जल्द करेगी लागू

5Th and 8Th Board Exams In chhattisgarh: छत्तीसगढ़ समेत देशभर में बच्चों को फेल और पास करने की व्यवस्था के साथ परीक्षा लेने की व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया गया था। प्रदेश में एक अप्रैल 2010 से आरटीई लागू है और तब से अब तक पहली से 8वीं तक के बच्चों को निरंतर पास ही किया जा रहा है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jul 30, 2024 10:59
Share :
cm sai news
education news

5Th and 8Th Board Exams In chhattisgarh: स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने व कसावट लाने के लिए छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद एक बार फिर पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा शुरू होगी। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही मंजूरी देगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 यानी आरटीई के लागू होने के बाद बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था। इस अधिनियम में प्रविधान था कि किसी भी परीक्षार्थी को पास या फेल नहीं कर सकते हैं। आठवीं तक बच्चों को किसी भी कक्षा में नहीं रोकना है। अगर बच्चे कमजोर हैं तो उनको रेमेडियल टीचिंग दी जानी है।

एक्सपर्ट का मानना है कि इस व्यवस्था से स्कूली शिक्षा में अनुशासित शिक्षा नहीं होने से इसका विपरीत असर पड़ा है। कुछ निजी और मॉडल स्कूलों में रेमेडियल टीचिंग (कमजोर बच्चों का शिक्षण) होने से शिक्षा व्यवस्था ठीक है, मगर ज्यादातर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को नुकसान हुआ है। लिहाजा, परीक्षा की व्यवस्था में बदलाव करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह पर लोक शिक्षण संचालनालय ने काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि, परीक्षा लेने के बाद बच्चों को पास या फेल करने को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है।

---विज्ञापन---

पहले कैसी थी व्यवस्था

पहले पांचवीं-आठवीं की परीक्षा जिला शिक्षा अधिकारी परीक्षा कराते थे। पांचवीं के लिए जिला प्राथमिक बोर्ड परीक्षा और आठवीं के लिए संभागीय पूर्व माध्यमिक बोर्ड परीक्षा होती थी। जब पांचवीं-आठवीं की परीक्षा होती थी तब प्रदेश में संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय (Divisional Joint Director’s Office) नहीं हुआ करते थे। अब प्रदेश में संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय होने से इन परीक्षाओं की जिम्मेदारी बड़े अधिकारियों को मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार अब बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था करने से अभिभावक और शिक्षक भी सतर्क हो जाएंगे। कापियां एक-दूसरे स्कूल में जांच की जाएगी।

1 अप्रैल 2010 से बंद हो गई थी परीक्षा

छत्तीसगढ़ समेत देशभर में बच्चों को फेल और पास करने की व्यवस्था के साथ परीक्षा लेने की व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया गया था। प्रदेश में एक अप्रैल 2010 से आरटीई लागू है और तब से अब तक पहली से आठवीं तक के बच्चों को निरंतर पास ही किया जा रहा है। कितने कमजोर बच्चे हैं और कितनों को रेमेडियल टीचिंग मिल पा रही है। इसकी मॉनिटरिंग अभी नहीं हो पा रही है। इसलिए नई व्यवस्था में कसावट की उम्मीद की जा रही है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति में बदलाव करके फेल और पास करने का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया है। इसके चलते पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश ने पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा के लिए राजपत्र प्रकाशित कर नियमावली पहले ही जारी कर दी है। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा, राज्य शासन के निर्देश पर पांचवीं-आठवीं की बाेर्ड परीक्षा कराने के लिए तैयारी चल रही है।

---विज्ञापन---

इस व्यवस्था से आएगा अनुशासन

शिक्षाविद बीकेएस रे ने कहा कि नई व्यवस्था से बच्चों में आने वाली परीक्षाओं के लिए जागरुकता बढ़ेगी और इस तरह की नई चुनौती को सामना कर सकेंगे। परीक्षा होने से दूसरा फायदा होगा कि उन्हें परीक्षा की तैयारी की मानसिकता से गुजरना होगा। परीक्षा बच्चों को जवाबदेही बनाएगी। मैं सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूं।

ये भी पढ़ें-  दिल्ली से लौटे CM साय; नीति आयोग की मीटिंग से लेकर केंद्रीय मंत्री संग मुलाकात पर क्या बोले?

HISTORY

Written By

Deepti Sharma

First published on: Jul 30, 2024 10:59 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें