छत्तीसगढ़ खनन लेवी घोटाला मामले में आरोपी छत्तीसगढ़ काडर की आईएएस अधिकारी रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सचिव सौम्या चौरसिया समेत करीब एक दर्जन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी। आईएएस अधिकारी रानू साहू खनन घोटाले के मामले में अक्टूबर 2024 में गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि बाकी आरोपी लंबे समय से जेल में बंद हैं। जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच ने इस आधार पर अंतरिम जमानत दे दी कि मुकदमे में लंबा समय लगने की संभावना है। हालांकि ईडी और सीबीआई ने अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ये लोग प्रभावशाली हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी
वहीं, एक अन्य मामले में निजी स्कूलों में फीस को लेकर सुनवाई हुई। छात्रों के अभिभावकों की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार और एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल को नोटिस जारी किया है। पैरंट्स असोसिएशन की ओर से दायर याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के 28 अप्रैल 2024 और 8 अप्रैल 2025 के उन आदेशों को चुनौती दी गई है, जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकारी जमीन पर बने स्कूलों को ट्यूशन फीस बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय की इजाजत जरूरी नहीं है।
याचिका में क्या कहा है?
याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट के आदेशों में दी गई व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों से एकदम अलग है। हाई कोर्ट के इन आदेशों के चलते शिक्षा व्यवस्था में एक भ्रम की स्थिति बनी हुई है और अब गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भी 100 प्रतिशत तक फीस बढ़ा रहे हैं और फीस भरने में असमर्थ छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत है। अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि हाई कोर्ट के आदेश में की गई इन टिप्पणियों को कोर्ट निरस्त करें। याचिका में अंतरिम राहत के तौर पर इन आदेश के अमल पर रोक की मांग की गई है।
ये भी पढ़ें- ‘राम सेतु: द ब्रिज विदइन’, रोमांच यात्रा की अनोखी कहानी, भरत सचदेवा की जुबानी