कोरबा (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा में 9 दिवसीय रामकथा (Ram Katha) का आयोजन दीनदयाल मार्केट पावर हाउस रोड स्थित पीली कोठी में किया जा रहा है। इसमे वृंदावन से पहुंचे अतुल कृष्ण भारद्वाज (Atul Krishna Bhardwaj) द्वारा कथावाचन किया जा रहा है। कथा की शुरुआत 24 दिसंबर को हुई थी। इस दौरान सप्तदेव मंदिर से कथा स्थल तक कलश यात्रा भी निकाली गई।
गुरु नाम की समझाई महिमा
रामकथा के आज छटे दिन यानी शुक्रवार को कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने गुरु नाम की महिमा के साथ भावना एवं भक्ति की सुंदर व्याख्या की। उन्होंने कहा कि गुरु का अर्थ शिष्य को सदैव अंधकारमय जीवन से मुक्त कर प्रकाश की ओर बढ़ाने का मार्ग दिखाने का है। भगवान शिव संपूर्ण विश्व के गुरु है। इस दौरान उन्होंने एक कथा भी सुनाई।
साधारण बालक बना रामचरित मानस का रचनाकार
उन्होंने आगे बताया की गुरु नरहरीदास की कृपा से एक साधारण सा बालक श्रीराम चरित मानस का रचनाकार बन गया। संत तुलसी दास बाल्यकाल में भूखे रहते थे। लोग उन्हें अपने दरवाजे पर खड़े नहीं होने देते थे, लेकिन बड़े होने पर मानस की रचना करने के बाद बड़े-बड़े राजा उनके पांव धोते थे। यह केवल गुरु कृपा है।
इन शिष्यों को मिला देवलोक
कथा व्यास कहा कि कलियुग में नाम की बड़ी महिमा है। राम-नाम भगवत एक ऐसा साधन है, जो मानव समाज को इस भाव सागर से पार उतार देता है। राम-नाम की महिमा से भक्त प्रहलाद, बालक ध्रुव, भक्त मीराबाई, सन्त रविदास, सन्त कबीर, संत रहीम, सदन कसाई और अजामिल जैसे अनेक भक्त नाम देवलोक पहुंच गए। राम-नाम के रस में डूबकर चैतन्य महाप्रभु ने आज लाखों को वैष्ण्णव बनाया।
सभी धर्मों के लोग प्रभावित, बना रहे मंदिर
उन्होंने कहा कि आज लाखों ईसाई हिन्दू धर्म स्वीकार करके वृन्दावन समेत देश के अनेक धार्मिक स्थलों पर भगवत नाम का गुणगान कर रहे हैं। आज इन्हीं भक्तों के सहयोग से वृन्दावन में चन्द्रोदय मन्दिर बनना शुरू हो गया, जिसका भूमि पूजन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था। इस कथा का समापन 2023 नववर्ष के पहले दिन यानी 1 जनवरी को होगा।