AMRUT Mission Scheme Second Phase: छत्तीसगढ़ में अमृत मिशन का पहला चरण अब आखिरी दौर में है। इस बीच प्रदेश को योजना के दूसरे चरण के लिए 500 करोड़ से अधिक की राशि मिल गई है। अमृत योजना के तहत राज्य के शहरों और कस्बों में ग्रीनरी बढ़ाने के साथ ही जल तंत्र के पूरे सिस्टम को सुधारने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत शहरों और गांवों में 120 करोड़ की लागत से 150 से अधिक तालाब बनाए जाएंगे।
तालाब का रकबा एक एकड़ होना जरूरी
केंद्रीय शहरी मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक निगम में 2-2 तालाब और नगर पंचायतों तथा परिषदों में एक-एक तालाब बनाया जाएगा। जिसके लिए नगर निगमों को 2-2 करोड़ का फंड दिया जाएगा। वहीं, तालाब बनाने के लिए 80 लाख का फंड निर्धारित किया गया है, जबकि नगर पंचायतों में एक-एक तालाब बनाने के लिए 60 लाख रुपए का फंड मिलेगा। इस मिशन के दूसरे दौर में ऐसे कस्बे या शहर जहां नया तालाब नहीं बनाया जा सकता वहां पहले से बने तालाब को संवारा जाएगा। गाइडलाइन के मुताबिक शहर हो या छोटा कस्बा तालाब का रकबा कम से कम एक एकड़ का होना जरूरी है।
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योजना से शहरों में बढ़ी हरियाली
अमृत मिशन के प्रथम चरण में प्रदेश में चुने हुए 9 शहरों में केवल पेयजल व्यवस्था ही नहीं बनी है। अपितु, इसके शहरों में हरियाली भी बढ़ी है। करीब पांच साल पहले शुरु हुई इस योजना में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए नए और पुराने गार्डन के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 33 करोड़ का फंड केंद्र से मिला था। जिसके अंतर्गत अब तक 76 गार्डन बनकर तैयार हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश को अमृत मिशन 2 के तहत 40 करोड़ के पेयजल प्रोजेक्ट पर केंद्र की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। जिसके अंतर्गत 11 कस्बों में 24 नई पानी की टंकिया, 8 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और 45 हजार से अधिक नल कनेक्शन दिए जाएंगे।