छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार लगातार राज्य के लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रही है। इसी के तहत कई सारी योजनाएं राज्य के अंदर चलाईं जा रही हैं। इसी में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई अमृत सरोवर योजना ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट दूर करने और आजीविका के नए रास्ते खोलने का काम किया है। सरगुजा जिले के विकासखंड उदयपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत सलका इसका जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया है, जहां ‘सुखरी डबरी’ तालाब को गहरा करके उसे पानी और रोजगार का परमानेंट सोर्स बना दिया गया है।
किसानों और पशुपालकों को मिलेगा लाभ
पूर्व में गर्मी के मौसम में यह तालाब पूरी तरह सूख जाता था, जिससे स्थानीय किसानों और पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अमृत सरोवर योजना के तहत हुए गहरीकरण और रिस्टोरेशन वर्क ने इस तालाब को साल भर जलयुक्त बनाए रखा है।
ग्राम पंचायत सलका के उप सरपंच खेलावन निषाद ने बताया कि अब गांव में जल की स्थायी व्यवस्था हो गई है। किसान रबी और सब्जी की फसलें सहजता से ले पा रहे हैं। साथ ही तालाब में मछली पालन भी शुरू हो चुका है, जिससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का स्रोत मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले जहां जल की कमी से खेती-किसानी प्रभावित होती थी, अब वही तालाब गांव की आर्थिक समृद्धि का आधार बन चुका है।
युवाओं को स्व-रोजगार के अवसर
इससे न केवल किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं, बल्कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर स्व-रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। गांव वासियों ने तालाब के पुनरुद्धार के लिए राज्य और केंद्र सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अमृत सरोवर योजना ने न केवल गांव की तस्वीर बदली है, बल्कि लोगों की जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव लाया है। यह योजना सिर्फ जल संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।
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