रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग के निर्देशानुसार राज्य के समस्त जिले के कृषकों को गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक दवाई उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि आदान विक्रय केन्द्रों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा तथा अनियमितता होने पर कार्यवाही भी की जा रही है।
उर्वरकों का विक्रय पॉस मशीन के माध्यम से करना अनिवार्य
शासन के निर्देशानुसार अनुदान प्राप्त उर्वरकों का विक्रय पॉस मशीन के माध्यम से करना अनिवार्य है, पॉस मशीन से विक्रय के बाद ही उर्वरकों का अनुदान निर्माता कंपनी को प्राप्त होता है। इसलिए फुटकर उर्वरक विक्रेता किसी भी परिस्थिति में बिना पॉस के अनुदान प्राप्त उर्वरकों का विक्रय नही करना चाहिए तथा कृषकों को उर्वरक विक्रय किए बिना भी कतिपय कंपनियों के किसी प्रकार के प्रलोभन में आकर पॉस से उर्वरक स्कंध नही घटाना चाहिए।
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उर्वरकों का क्रय कर पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें
फुटकर उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उर्वरकों के बिना वास्तविक बिक्री के फर्जी (फेक) पॉस सेल करने का प्रयास किया जा सकता है, इसलिए प्रदेश के समस्त जिले के विभिन्न अनुविभागों में नियुक्त अनुविभागीय कृषि अधिकारी, विकासखंडो में नियुक्त वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी तथा उर्वरक निरीक्षकों को नियमित रूप से उर्वरक विक्रय केन्द्रों की निगरानी करने और उर्वरक विक्रय केन्द्रों में उपलब्ध भौतिक स्कंध एवं पॉस में उपलब्ध स्कंध का मिलान करने तथा दोनों स्कंध में भिन्नता पाए जाने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत तत्काल कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग ने कृषकों से भी अपील की है कि पॉस के माध्यम से उर्वरकों का क्रय करें तथा पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें।
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