बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले 10 सालों बाद बारिश से ऐसा तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। मूसलाधार बारिश की वजह से कई लोगों के घर तबाह हो चुके हैं। कई पुल-पुलिये और सड़क भी इस बारिश में बह गए हैं।
बता दें कि अब तक बस्तर संभाग के 7 जिलों में 10 से ज्यादा लोगों की इस बारिश की वजह से जान चली गई है, और कई लोग भी लापता हैं। हालांकि, प्रशासन की टीम पूरी तरह से मुस्तैद होकर बारिश में फंसे लोगों को निकालने की पूरी जद्दोजहद में लगी हुई है। लेकिन ये मूसलाधार बारिश बस्तरवासियों के लिए आफत की बारिश बनकर सामने आई है।
3 दिन में 400 से ज्यादा लोग प्रभावित
3 दिनों की लगातार बारिश से बस्तर जिले में ही 400 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और इन सभी को प्रशासन के द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में रखा गया है। बस्तर कलेक्टर ने बताया कि भारी बारिश की वजह से इंद्रावती नदी पूरे उफान पर है और बैक वाटर की वजह से कई सड़कें जलमग्न होने के साथ कई घर भी पानी से तबाह हुए हैं। खासकर इंद्रावती नदी से लगे इलाकों में बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है।
वहीं बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि बस्तर में लगातार मूसलाधार बारिश होने से इंद्रावती नदी का वाटर लेवल काफी बढ़ गया था। लेकिन 3 दिनों से बस्तर में बारिश नहीं हो रही है जिस वजह से वाटर लेवल धीरे-धीरे घट रहा है। जितने भी लोग नदी के किनारे रहने वाले थे उनको जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है।
बाढ़ प्रभावितों को 11 लाख की सहायता
अबतक 485 लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया जा चुका है। सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। साथ ही कई जगहों पर घरों की क्षति आंशिक क्षति हुई है। ऐसे लोगों को प्रकरण बना कर भुगतान भी किया जा रहा है। अबतक 11 लाख रुपये का भुगतान बाढ़ प्रभावितों को किया जा चुका है। इसके अलावा और भी जो प्रकरण आ रहे हैं सभी का सर्वे कर उनकी क्षतिपूर्ति की जाएगी।