राजद चीफ लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं।
लालू प्रसाद यादव का पोस्ट
लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखे एक पोस्ट में कहा कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं।
‘पार्टी और परिवार में कोई भूमिका नहीं रहेगी’
लालू प्रसाद यादव ने साफ कर दिया कि अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।
निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार…
---विज्ञापन---— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 25, 2025
रोहिणी आचार्य ने किया एक्शन का समर्थन
रोहिणी ने लालू प्रसाद यादव के परिवार का समर्थन किया है और सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि जो परिवेश , परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं। जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण व परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारम्बार लांघने की गलती – धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं।
रोहिणी ने लिखा कि हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं, परिवार हमारा मंदिर व् गौरव और पापा के अथक प्रयासों – संघर्षों से खड़ी की गयी पार्टी व् सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा, इन तीनों की प्रतिष्ठा पर किसी की वजह से कोई आंच आए ये हमें कदापि स्वीकार्य नहीं।