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Lok Sabha Election 2024: पिता लालू का गढ़ रही सारण सीट जीत पाएंगी रोहिणी? चुनौतियां कम नहीं

सारण लोकसभा चुनाव 2024: बिहार की सारण लोकसभा सीट पर पिछली दो बार से भाजपा के राजीव प्रताप रूडी का कब्जा है। एक समय में लालू प्रसाद यादव का गढ़ रही इस सीट से राजद ने इस बार लालू की बेटी रोहिणी आचार्य को टिकट दिया है। इस रिपोर्ट में जानिए सारण सीट का समीकरण और क्या रोहिणी फिर से इस सीट को राजद के खेमे में ला पाएंगी या फिर रूडी लगातार तीसरी बार यहां से जीत हासिल कर सकते हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Apr 9, 2024 12:02
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Rohini Acharya During Election Campaign
सारण से राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य।

Saran Lok Sabha Election 2024 : बिहार की सारण लोकसभा सीट हॉटसीट में बदल गई है। आगामी लोकसभा चुनाव में लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने यहां से रोहिणी आचार्य को प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि यही वह सीट है जहां से लालू यादव पहली बार सांसद बने थे। फिलहाल यह सीट भाजपा के पास है। रोहिणी के सामने अपने पिता का गढ़ रही इस सीट को जीतने की बड़ी चुनौती है। चुनौती इसलिए क्योंकि फिलहाल इस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी सांसद हैं। पिछले 2 आम चुनावों में उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी और इस बार भी उनकी स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है।

सारण सीट का लालू से कनेक्शन

साल 1977 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव इसी सीट से ही चुनाव लड़कर पहली बार संसद पहुंचे थे। तब इस सीट को छपरा लोकसभा कहा जाता था। लालू ने भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। साल 2004 में लालू ने भाजपा के राजीव प्रताप रूडी को यहां से हराया था। साल 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का नाम सारण कर दिया गया था। इसके बाद 2009 के चुनाव में भी लालू ने यहां से जीत हासिल की थी। हालांकि, इसके बाद चली मोदी लहर में लालू की पकड़ यहां कमजोर हुई। इस बार बेटी रोहिणी को उतारकर लालू ने एक बार फिर इस सीट को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की है।

लालू की दूसरी संतान हैं रोहिणी

रोहिणी आचार्य लालू की नौ संतानों में दूसरे नंबर पर हैं। रोहिणी का नाम चर्चा में करीब डेढ़ साल पहले आया था जब उन्होंने लालू यादव को अपनी एक किडनी डोनेट की थी। उनकी शादी 24 मई 2002 को आईटी सेक्टर में काम करने वाले समरेश सिंह से हुई थी जो सिंगापुर में जॉब करते हैं। शादी के बाद रोहिणी भी सिंगापुर चली गई थीं। देश के बाहर जाने के बाद भी सोशल मीडिया पर वह अक्सर केंद्र सरकार को निशाने पर लेती रही हैं। माना जा रहा है कि चुनाव में लालू यादव की बेटी होने का उन्हें काफी फायदा मिल सकता है। देखना रोचक होगा कि रोहिणी इस सीट को वापस राजद के खाते में ला पाएंगी या फिर रूडी जीत की हैट्रिक लगाएंगे।

पिछले 2 चुनावों में क्या हुआ था?

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद ने यहां से बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, भाजपा के राजीव प्रताप रूडी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में रूडी को 3 लाख 55 हजार 120 वोट मिले थे जबकि राबड़ी के खाते में 3 लाख 14 हजार 172 वोट आए थे। इसके बाद 2019 के चुनाव में राजद ने लालू के समधी चंद्रिका राय को टिकट दिया था लेकिन उन्हें भी रूडी के हाथों हार ही मिली। इसमें रूडी ने 4 लाख 99 हजार 342 वोट पाए थे जबकि चंद्रिका राय 3 लाख 60 हजार 913 वोट पर ही सिमट गए थे। अब देखना यह है रोहिणी का प्रदर्शन यहां कैसा रहता है।

प्रताप रूडी की स्थिति कैसी है?

पिछले दोनों लोकसभा चुनाव जीतने वाले राजीव प्रताप रूडी भी लालू की तरह ही पहली बार सांसद यहीं से बने थे। 1996 के चुनाव में उन्होंने राजद के लाल बाबू राय को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद 1999 के चुनाव में भी उन्हें यहां से जीत मिली थी। बता दें कि सारण सीट के शहरी इलाकों में राजीव रूडी की स्थिति खासी मजबूत मानी जाती है। लेकिन हाल के दिनों में रोहिणी आचार्य की लोकप्रियता भी बढ़ती देखी गई है। जब राजीव रूडी के सामने राबड़ी देवी थीं तब रूडी जीते जरूर थे लेकिन दोनों को मिलने वाले मतों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं था। ऐसे में इस सीट पर परिणाम क्या होगा यह साफ-साफ कहना बहुत मुश्किल हो गया है।

कैसा है मतदाताओं का गणित?

सारण लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता यादव हैं। इनकी संख्या करीब 25 प्रतिशत है। यह फैक्टर रोहिणी आचार्य के पक्ष में जा सकता है। वहीं, राजपूत वोटर 23 प्रतिशत और बनिया 20 प्रतिशत हैं। इसके अलावा मुसलमान मतदाताओं की संख्या 10 प्रतिशत से ज्यादा है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां मतदान का प्रतिशत केवल 56 रहा था। इस बार यहां पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। 4 जून को मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम आएगा। तब ही यह साफ हो पाएगा कि सारण की जनता लालू परिवार को चाहती है या फिर राजीव प्रताप रूडी के काम-काज से खुश है। असल तस्वीर रिजल्ट आने पर ही साफ हो पाएगी।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Apr 09, 2024 11:57 AM

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