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आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ अपनी ही पार्टी ने नेता ने जमकर की बयानबाजी, बोले- उनमें हिम्मत ही नहीं है

RJD Leader Statements Against Party Supremo Lalu Prasad: आरजेडी नेता ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सीएम नीतीश से लालू को बात करने की हिम्मत तक नहीं हुई।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Dec 24, 2023 22:13
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RJD Leader Statements Against Party Supremo Lalu Prasad: आरजेडी नेता ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सीएम नीतीश से लालू को बात करने की हिम्मत तक नहीं हुई।

RJD Leader Statements Against Party Supremo Lalu Prasad: बिहार के दाउदनगर में आरजेडी नेता प्रो. रामबली सिंह ने अपनी पार्टी के सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जमकर बयानबाजी की है। लालू प्रसाद यादव को सवालों में घेरते हुए आरजेडी के विधान पार्षद प्रो. रामबली सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी लपेटा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सीएम नीतीश से लालू को बात करने की हिम्मत तक नहीं हुई।

आरक्षण का वर्गीकरण

रामबली सिंह ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने जिन मूल्यों की रक्षा के लिए 1978 में आरक्षण का वर्गीकरण किया था और पहली बार देश में वर्गीकृत आरक्षण देने का साहस किया था। उन मूल्यों को चकनाचूर कर दिया गया। 2015 में अपेक्षाकृत संपन्न जातियों को इसमें शामिल कर दिया गया। ऐसे तो जब लालू प्रसाद यादव जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 19 जातियों को शामिल किया और जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो लगभग 15 जातियों को इसमें शामिल कर दिया गया। यह लगातार सिलसिला चल रहा है।

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खामियाजा भुगत रहा समाज 

रामबली सिंह ने कहा कि समाज 3 सिर्फ संपन्न जातियों को अति पिछड़ा में घुसेड़ने का खामियाजा भुगत रहा। साल 2015 में जिन 3 संपन्न जातियों को मूल अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया गया, उसका खामियाजा 8 साल से अति पिछड़ा समाज भुगत रहा है। समझ सकते हैं कि कर्पूरी चर्चा करने का क्या मतलब है। बिहार में जो सबसे बड़ी समस्या है, उसे कर्पूरी ठाकुर के बाद दूसरा कोई उठाने वाला नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने लिए नहीं तो अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए सोचें। मैंने सत्तारुढ़ में रहते हुए जनांदोलन का रास्ता अख्तियार किया।

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लालू में नीतीश से बात करने की हिम्मत नहीं 

रामबली सिंह ने कहा कि तीन जतियों को अति पिछड़ा में धुसेड़ा गया पर लालू की नीतीश से बात करने की हिम्मत नही हुई। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जाति गणना के अधिकृत आंकड़े को प्रस्तुत करते हुए कहा कि अति पिछड़ा की आबादी 36 प्रतिशत होते हुए भी मात्र 13 प्रतिनिधित्व नौकरियों में है।

नीतीश कुमार जब इस मुद्दे को लेकर वह लालू प्रसाद यादव के पास गए तो उनकी हिम्मत नहीं हुई कि वे नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर बात करें। अति पिछड़ों का हक मार रहे अगड़े व पिछड़े-कहा कि अति पिछड़ा का हक अगड़ा या पिछड़े वर्ग के लोग मार रहे हैं। मंडल कमीशन के लागू होने के लगभग तीन दशक बाद भी काफी विसंगतियां हैं।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Dec 24, 2023 08:01 PM

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