CM Nitish Kumar Brought Revolutionary Changes In Education Field: शिक्षा न केवल रोजगार और आर्थिक उन्नति का माध्यम है बल्कि श्रेष्ठ और सभ्य नैतिक समाज के निर्माण का प्रमुख हथियार है। शिक्षित समाज के बिना किसी भी देश या राज्य का विकास संभव नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा को राज्य के विकास का केंद्र बिंदु बनाया है।
सात निश्चय योजना के तहत, राज्य में स्मार्ट क्लासरूम, इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी और डिजिटल लर्निंग सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है। इससे बिहार के छात्रों को आधुनिक शिक्षा का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण प्रयास किए हैं, जो पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गई है।
शिक्षा पर कितना खर्च
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में क्वालिटी एजुकेशन के लिए राज्य सरकार सजग है और लगातार कदम उठा रही है। देश में शिक्षा पर खर्च करने के मामले में बिहार अव्वल है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा पर किया जा रहा है। शिक्षा के लिए 52639.03 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में खर्च के मामले में बिहार ने कई विकसित राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है। मेघालय और मणिपुर जैसे छोटे राज्यों को छोड़ दें तो उच्च शिक्षा के विकास पर खर्च करने में बिहार का कोई मुकाबला नहीं है। यह बात केन्द्र सरकार द्वारा जारी ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई है।
बिहार ने उच्च शिक्षा पर अपने ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीएसडीपी) का 2.17% खर्च किया है। इसका खुलासा भारत सरकार की एक ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले राज्यों की सूची जारी की है। इसमें उन राज्यों के नाम हैं, जिन्होंने अपने यहां जीएसडीपी बजट का 1.75% से अधिक खर्च किया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य उच्च शिक्षा पर खर्च करने में फिसड्डी हैं। ये सब ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अपनी जीएसडीपी का एक फीसदी भी उच्च शिक्षा के विकास पर खर्च नहीं किया है।
ये भी पढ़ें- नीतीश सरकार की योजनाओं से महिलाओं की बदली तस्वीर, आर्थिक रूप से बनाया आत्मनिर्भर