Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिक नेता बने प्रशांत किशोर ने खुद चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार किया है, लेकिन अपने गृह राज्य बिहार के लिए बेहतर विकल्प बनाने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई है। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने जद (यू) के नेताओं पर निशाना साधा।
बता दें कि जेडीयू नेताओं ने यह आरोप लगाया था कि प्रशांत किशोर थोड़े राजनीतिक कौशल के साथ एक धोखेबाज व्यापारी थे। प्रशांत किशोर ने इन आरोपों को लेकर कहा कि अगर आरोपों में सच्चाई है तो फिर जेडीयू नेता अपने आरोपों को लेकर नीतीश कुमार से सवाल पूछें कि उन्होंने मुझे अपने साथ दो साल के लिए क्यों रखा था।
कहा- मैं चुनाव क्यों लड़ूंगा
I-PAC के संस्थापक से बार-बार यह पूछे जाने पर कि क्या वह खुद चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं, उन्होंने कहा, “मैं चुनाव क्यों लड़ूंगा? मेरी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।” बता दें कि आज पश्चिम चंपारण में एक सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें लोगों की राय ली जाएगी कि क्या “जन सुराज” अभियान को एक राजनीतिक पार्टी बनाया जाना चाहिए।
प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार की 3,500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इसी तरह के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। लोगों की राय के आधार पर ही आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार के साथ अतीत में काम करने के लिए कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, “वह (कुमार) 10 साल पहले जो थे और अब जो हैं, उसमें बहुत अंतर है। उन्होंने लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 2014 में अपनी कुर्सी छोड़ दी थी। अब, वे सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार हैं।
महागठबंधन सरकार के एक साल में 10 लाख नौकरियों के वादे का मजाक उड़ाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने इसे कई बार कहा है और मैं इसे फिर से कहता हूं कि अगर वे वादा पूरा करते हैं तो मैं अपना अभियान छोड़ दूंगा।