पटना से सौरव कुमार के साथ अमिताभ ओझा की रिपोर्टः तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ हिंसा के मामले को लेकर बिहार पुलिस ने बड़ा खुलासा किया। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की जाँच में सामने आया कि श्रमिकों से मारपीट का वायरल वीडियो पटना में ही बनाया गया था और फिर इसे यूट्यूब पर अपलोड किया गया।
पुलिस द्वारा तीस से ज्यादा वायरल वीडियो की जाँच की गई जिसमे सभी फर्जी पाए गए। मामले में बिहार के एक चर्चित यूट्यूबर सहित 8 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई। इनमें एक को छोड़कर सभी यूट्यूबर है दो की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है। अब जाँच इस बात की चल रही है की इनकी मंशा क्या थी? ऐसा सिर्फ पैसा कमाने के लिए किया गया या फिर कोई राजनैतिक साजिश थी।
आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज किया मुकदमा
तमिलनाडु में बिहार के लोगों व हिन्दी भाषियों के साथ मारपीट और हिंसा का फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने शुक्रवार को एक और मुकदमा दर्ज कर लिया है। एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र सिंह गंगवार के अनुसार इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई ने राकेश रंजन कुमार सिंह, मनीष कश्यप और उसके दो साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भ्रामक तथ्यों पर आधारित था वीडियो
गौरतलब है कि यूट्यूबर मनीष कश्यप व तीन अन्य के खिलाफ ईओयू ने 5 मार्च को भी एक मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अमन कुमार और प्रयास न्यूज के राकेश तिवारी की गिरफ्तारी हो चुकी है। मनीष कश्यप व एक अन्य आरोपी युवराज सिंह राजपूत फरार चल रहे हैं। अब ईओयू ने एक और मामला दर्ज कर लिया है। एडीजी ने कहा कि तमिलनाडु की पुलिस अनुसंधान के सिलसिले में बिहार आई है।
ताजा मामले की जांच में दिलचस्प तथ्य सामने आया है। ईओयू के अनुसार बीएनआर न्यूज द्वारा पिछले दिनों एक पोस्ट शेयर किया गया था जिसमें तमिलनाडु में बिहारी व हिन्दी भाषियों के साथ मारपीट व हिंसा से संबंधित भ्रामक जानकारी दी गई थी।
मजदूर बनने के लिए मेडिकल स्टोर से खरीदी सामग्री
यह खुलासा गोपालगंज से गिरफ्तार हुए एक आरोपी ने किया। ईओयू ने बीएनएआर न्यूज के राकेश रंजन कुमार सिंह को गोपालगंज से पकड़ा और पूछताछ की तो पता चला कि वीडियो पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बंगाली टोला में किराए के एक मकान में 6 मार्च 2023 बनाया गया।
वीडियो में जनता पलस न्यूज के मालिक अनिल कुमार यादव व एक अन्य व्यक्ति आदित्य कुमार मजदूर बने। अनिल जमुई का है और देवघर में रहता है। आदित्य सीवान का है। मजदूर बनने के लिए मेडिकल स्टोर से कॉटन पट्टी, हैंडी प्लास्ट, बैंडेज, लाल दवा एवं प्राथमिक उपचार की अन्य सामग्री खरीदी गई थी।
6 मार्च को अपलोड किया गया था वीडियो
एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र सिंह गंगवार के अनुसार राकेश तिवारी से पूछताछ में पता चला की 6 मार्च को अपलोड किया गया वीडियो वायरल कर अधिक पैसा कमाने की थी मंशा थी। राकेश ने बताया कि उसने मोबाइल से वीडियो बनाया और उसे इस तरह शूट किया गया कि तमिलनाडु में बिहारी व हिन्दी भाषियों के साथ मारपीट हो रही है।
इस वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर 6 मार्च को अपलोड कर दिया गया। इसी फर्जी वीडियो को मनीष कश्यप ने 8 मार्च को अपने फेसबुक पर शेयर किया गया।
एडीजी बोले- मनीष आदतन अपराधी
एडीजी के अनुसार राकेश रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं पहले से दर्ज मुकदमे में आरोपी राकेश तिवारी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। एडीजी ने कहा कि मनीष कश्यप एक आदतन अपराधी है और उसके विरुद्ध 7 मामले दर्ज हैं। उसके द्वारा कई बार पुलिस पर हमला किया जा चुका है।
मनीष पहले भी सांप्रदायिक पोस्ट करने में संलिप्त रहा है। वहीं एक अन्य अभियुक्त युवराज सिंह पिछले तीन महीनों से भोजपुर के नारायणपुर में गोलीबारी के एक कांड में फरार चल रहा है। गिरफ्तारी के लिए टीम बनाई गई है।