अमिताभ ओझा, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज से समाधान यात्रा पर हैं। वाल्मीकि नगर से नीतीश कुमार ने अपनी इस यात्रा की शुरूआत की। नीतीश कुमार इस गांव में हुए विकास के कामो को देखकर काफी खुश हुए। कहा जमीनी स्तर पर बहुत काम हुआ है। चकाचल सड़के, सोलर पैनल, सुन्दर तालाब। मीडिया को इशारा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा देखिये कितना काम हुआ है। लेकिन यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू जिसे मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियो ने परोसा। लेकिन न्यूज़ 24 आपको तस्वीर का दूसरा पहलू भी दिखायेगा। कैसे रातो-रात इस गांव की तस्वीर बदल गई? कैसे गांव की गालियां चकाचक हो गई और सबसे बड़ी बात अधिकारियों ने कैसे मुख्यमंत्री को भी धोखा दे दिया।
सुबह के सवा दस बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्री मण्डल के सहयोगियों विजय चौधरी और संजय झा के साथ बगहा प्रखंड-2 के अंतर्गत सोहरिया पंचायत के दरूआबारी ग्राम गए। वहां थरूहट विकास अभिकरण के तहत वर्क शेड का शिलान्यास किया। सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत कीट का वितरण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, नल जल योजना का निरीक्षण किया। इसके साथ ही जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत पोखरा के सौंदर्यीकरण कार्य का निरीक्षण किया। बगहा नगर परिषद के पारस नगर कटाव स्थल का निरीक्षण किया।
दरुआ बारी गांव को देखकर सीएम नीतीश गदगद हो गये और कहने लगे कि बहुत अच्छा काम हुआ है। अपनी खुशी को उन्होंने मीडिया के सामने सार्वजनिक भी किया और कहा कि जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा काम हुआ है। दरअसल, जिस जगह का नीतीश कुमार गुणगान कर रहे थे वहां पर पिछले कई हफ्तों से काम जारी था। सरकार की तरफ से स्थानीय प्रशासन को पहले ही बता दिया गया था। लिहाजा प्रशासन ने सरकार को खुश करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। नीतीश कुमार उसी जगह पर गए जहां पहले से पूरी तैयारी थी। वहां जाकर योजनाओं को देखा और गदगद होकर चलेया काम हुआ है। शायद वे यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि सभी गांव ऐसे ही चकाचक होंगे और सरकारी की सारी योजनाओं पूरी तरह से पूर्ण होंगी।
बगहा में सरकारी योजनाओं के निरीक्षण के बाद सीएम नीतीश कुमार मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न जगहों पर जाकर देखे हैं। पहले से कितना काम किया गया, काम में कोई बाधा तो नहीं आई? काम पूरा हुआ या नहीं, काम पूरा हो गया तो आगे और क्या होना चाहिए, इसी को देखने के लिए हम आए हैं। आज हमने देख लिया। यहां देखकर संतुष्ट हुए। देख कर अच्छा लगा। हम जो काम कहे हुए हैं वह नहीं हुआ तो हम तुरंत अधिकारियों कह रहे कि क्यों देरी हो रहा है? मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समस्या था रास्ता बनाना था, वह रुका हुआ था। हमने तुरंत कहा है कि देखिए। नीतीश कुमार से पूछा गया कि जमीनी हकीकत क्या है? मुख्यमंत्री ने उत्तर दिया- सब ठीक है। सब हम कर रहे हैं। गरीब गुरबा तबका के लिए जो करना है वह कर रहे हैं।
लेकिन यह था तस्वीर का एक पहलु दूसरा पहलू चौकानेवाला है। जिस गांव की तस्वीर देखकर मुख्यमंत्री इतने गदगद हुए। जहां 24 घंटे पहले उस गांव की तस्वीर देख लीजिये। सीएम की यात्रा को लेकर गांव में गरीबी के घर उजाड़ दिए गए थे। इस शीतलहरी में उन्हें प्लास्टिक मे रहना पड़ा। गांव की चकाचक सड़के जिसे देखकर सीएम इतरा रहे थे जरा उसकी हकीकत देख लीजिये। तालाब को शीतलहरी में ग्रामीणों से साफ करवाया गया। गांव की गलियों में ईंट की सॉलिंग की गई तो हर पोल पर सोलर प्लेट भी लगाया गया। ये तस्वीरें इस बात की बानगी है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहले ही कहां था की यदि गांवों की हकीकत देखनी है तो बिना बताये अचानक पहुंचे तब दिखेगा विकास की सच्चाई और आज वही हुआ।