वक्फ बिल के संसद से पारित होने के बाद जेडीयू डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने आज प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ बिल को केंद्र सरकार ने नीतीश कुमार के 5 सुझाव माने, तब जाकर पार्टी ने इस पर अपना समर्थन दिया है। पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने बगावत को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाया। इस प्रेस वार्ता में गुलाम गौस और पूर्व सांसद अहमद अशफाक जैसे नेता भी मौजूद रहे, जिन्होंने वक्फ बिल का खुलकर विरोध किया था।
वक्फ बिल पर हमारी पार्टी ने पांच सुझाव दिए
जेडीयू अल्पसंख्क प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशरफ अंसारी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। नीतीश के रहते अल्पसंख्यक समाज के हितों की रक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर हमारी पार्टी ने पांच सुझाव दिए थे, जिसे मान लिया गया है। हालांकि प्रेस काॅन्फ्रेंस के बाद सभी नेता प्रेस के सवालों के जवाब दिए बिना ही उठकर चले गए।
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प्रेस काॅन्फ्रेंस करने पहुंचे ये नेता
इस प्रेस काॅन्फ्रेंस में एमएलसी गुलाम गौस, अफाक अहमद खान और खालिद अनवर के साथ-साथ पूर्व सांसद अशफाक करीम, पूर्व सांसद कहकशां परवीन, बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति सलीम परवेज, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो० इरशादुल्लाह, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद अफजल अब्बास, प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रभारी इकबाल हैदर, पूर्व नेता मास्टर मुजाहिद आलम, अब्दुल कय्यूम अंसारी शामिल हुए।
इन नेताओं ने छोड़ी पार्टी
बता दें कि वक्फ बिल के पारित होने के बाद से ही अब तक आधा दर्जन नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। हालांकि ये सभी नेता पार्टी के पदाधिकारी है। इनमें कोई बड़ा नाम नहीं है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में बेतिया के जिला उपाध्यक्ष नदीप अख्तर, भोजपुर से पार्टी नेता मो. दिलशाद राईन, प्रदेश महासचिव मो. तबरेज सिद्दीकी, एम. राजू नैयर शामिल हैं।
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