बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव से पहले सत्तारूढ़ एनडीए के सहयोगी दल और सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को लगातार झटके लग रहे हैं। दरअसल, जेडीयू ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बिल का समर्थन किया था, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ रहा है। हालांकि, पार्टी का कहना है कि इन नेताओं के जाने से कोई असर नहीं पड़ेगा। इसी बीच सोमवार को अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की विचारधारा से अलग हो कर वक्फ बिल पर जदयू का समर्थन और सीएम नीतीश की चुप्पी को अपने इस्तीफे का मुख्य कारण बताया। परवेज सिद्दीकी जेडीयू राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य भी थे।
परवेज सिद्दीकी ने क्या कहा?
जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद परवेज सिद्दीकी ने कहा कि इसकी जानकारी पार्टी के नेता नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को ईमेल के जरिए भेज दी है। हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने लगातार नीतीश कुमार से मुसलमानों की चिंता करने की अपील की, उनके लिए पार्टी का रुख साफ करने की बात कही, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया। बिहार में जेडीयू के बीजेपी की विचारधारा से तालमेल पर परवेज सिद्दीकी ने असंतोष जताया है। परवेज सिद्दीकी ने कहा कि कई लोगों से रायशुमारी की और फिर यह फैसला लिया की यह मुद्दा व्यक्तिगत मामलों से परे है। वक्फ और शरीयत में हस्तक्षेप लाखों मुसलमानों के लिए मुश्किलों का कारण हो सकता है, इसलिए जदयू से इस्तीफा देना ही बेहतर रहेगा। परवेज सिद्दीकी ने जेडीयू पर अपने मूल सिद्धांतों को त्यागने और बिहार में बीजेपी की फासीवादी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए बिहार में बीजेपी को मजबूत करने का भी कड़ा विरोध जताया।
वक्फ कानून के खिलाफ दायर की थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका
बता दें कि जेडीयू नेता होने के बावजूद सिद्दीकी ने पार्टी के फैसले से इतर वक्फ कानून के खिलाफ 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो सियासी गलियारों में काफी दिनों तक चर्चा का विषय बना हुआ था। जदयू के कई मुस्लिम नेता इस वक्फ एक्ट पर विरोध जता चुके हैं। अब तक अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से 20 से ज्यादा नेता इस्तीफा दे चुके हैं। इस मुद्दे पर पिछले महीने पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा था, ‘जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है, वे पार्टी में थे भी या नहीं। 20 साल तक हमारे पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड है। मुस्लिम समुदाय के बीच में मुख्यमंत्री ने किस तरह से काम किया है।’