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बिहार

Lakhisarai को CM नीतीश कुमार की सौगात, 301 मेगावाट सौर ऊर्जा का होगा उत्पादन, पीक आवर में होगी सप्लाई

Lakhisarai News: बिहार के लखीसराय जिले के कजरा में दो परियोजनाओं को मिलकर 301 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। इसके जुलाई-अगस्त से शुरू होने की संभावना है। यह देश की सबसे बड़ी (495 मेगावॉट आवर) ऐसी सौर ऊर्जा परियोजना है, जिसमें उच्च क्षमता की बैटरी की मदद से बिजली को संरक्षित कर इसे पीक आवर खासकर रात के समय सप्लाई की जाएगी। 

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 2, 2025 22:36
Solar project in Kajra, Lakhisarai

Bihar Energy Project: बिहार सरकार ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने, पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कजरा की इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद बिहार में 301 मेगावाट हरित ऊर्जा उपलब्ध होगी। इससे बिजली की किल्लत काफी हद तक दूर हो जाएगी। राज्य मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना के लिए निविदा (Tender) जारी कर दी गई है। वहीं, ऊर्जा विभाग के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव का कहना है कि इससे अक्षय ऊर्जा की महत्वाकांक्षी परियोजना का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच और कुशल नेतृत्व में बिहार ने ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक कीर्तिमान हासिल किए हैं। इसी कड़ी में बिहार ने अब नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) की तरफ सार्थक प्रयास शुरू किया है।

राज्य के लोगों को बिजली की समस्या से मिलेगी निजात

मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि कजरा की इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर बिहार में न केवल 301 मेगावाट हरित ऊर्जा की बड़ी उपलब्धता होगी, बल्कि देश की सबसे बड़ी 495 मेगावाट आवर बैटरी भंडारण क्षमता के प्रणाली की स्थापना होगी, जिससे राज्य के लोगों को निर्बाध और गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि दोनों परियोजनाओं के पूरा होने के बाद बिहार को अतिरिक्त ऊर्जा आपूर्ति का लाभ मिलने के साथ ही यह नवीकरणीय ऊर्जा दायित्व (रिन्यूएबल एनर्जी ऑब्लिगेशन) को पूरा करने में भी सहायक होगा। यह परियोजना हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी। अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन बढ़ने से राज्य में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायता मिलेगी।

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ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा बिहार

इस परियोजना में 241 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना की जा रही है। यह परियोजना बिहार में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी। यह राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगी। कजरा सौर ऊर्जा परियोजना के पहले चरण में 185 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विकास हो रहा है। इसके साथ ही 254 मेगावाट आवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना की जा रही है। वहीं, दूसरे चरण में 116 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विकास किया जा रहा है। साथ ही 241 मेगावाट आवर बैटरी ऊर्जा भंडारण का विकास होगा।

बैटरी भंडारण क्षमता में वृद्धि

इस परियोजना के माध्यम से बिहार की कुल बैटरी भंडारण क्षमता में अधिक वृद्धि होगी। इससे राज्य की ऊर्जा आपूर्ति अधिक स्थिर और प्रभावी बनेगी। रात के समय भी बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी। इसके विकसित होने से बिहार देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। यह प्रणाली देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण प्रणाली होगी, जिससे बिहार को पीक आवर में भी सस्ती और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह परियोजना नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगी और पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करेगी।

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परियोजना की कुल लागत 1055.72 करोड़ रुपये

इस नए विस्तार परियोजना की कुल लागत 1055.72 करोड़ रुपये है, जबकि वर्तमान में इंप्लीमेंटेड कजरा सौर ऊर्जा परियोजना की कुल लागत 1810.34 करोड़ रुपये है। दोनों परियोजनाएं 80:20 वित्तीय मॉडल के तहत कार्यान्वित की जा रही हैं यानी इस परियोजना की कुल लागत का 80 प्रतिशत विभिन्न वित्तीय संस्थानों से और शेष 20 प्रतिशत पूंजीगत निवेश से जुटाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कजरा सौर ऊर्जा परियोजना के लिए 1232 एकड़ भूमि अधिगृहित की गई है। कजरा प्रथम चरण परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी मेसर्स लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) को सौंपी गई है। परियोजना कार्यान्वयन का कार्य तेजी से चल रहा है और इसे इसी वर्ष पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

ऊर्जा उत्पादन की दिशा में मील का पत्थर

कजरा में सौर ऊर्जा की दो बड़ी परियोजनाएं मुख्यमंत्री के स्तर पर परिकल्पित महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन हरियाली’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होंगी। इससे ऊर्जा उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ बिहार में रोजगार के नए अवसर भी सामने आएंगे। निर्माण कार्य, रखरखाव और संचालन के लिए कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी काफी लाभ मिलेगा।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 02, 2025 10:27 PM

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