अमिताभ ओझा, पटना।
बिहार से अक्सर पुल गिरने, पुल में दरार आने या सड़क धंस जाने की खबरें सामने आती रहती हैं। ताजा मामला बिहार की राजधानी पटना से जुड़ा हुआ है। जहां जेपी सेतु गंगा पथ में दरार मिलने से हड़कंप मच गया है। 3831 करोड़ रुपये की लागत से बने जेपी सेतु में दीदारगंज के पास पिलर नंबर ए-3 में उद्घाटन के तीन दिन बाद ही दरार आ गई। अब इस मामले को लेकर बिहार विधानसभा में कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है और राज्य में पुल-पुलियों के गिरने जैसी घटनाओ की न्यायिक जांच की मांग की है।
क्या कहा शकील अहमद खान ने?
कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि बिहार में सिर्फ 2024 में एक दर्जन पुल गिरने के मामले सामने आए हैं। स्थिति इतनी भयावह थी कि एक दिन में 5-5 पुल तक गिरे। बिहार में पुल गिरने की खबरें गंभीर भ्रष्टाचार की कहानी बयां करते हैं। उन्होंने कहा कि पटना में 3831 करोड़ की लागत से बने जेपी सेतु गंगा पुल में दरार की खबर सुर्खियों में बनी हुई हैं।बिहार कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान ने कहा कि हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है कि बिहार में पुल गिरने पर जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया था, उन्हें फिर से क्यों बहाल कर दिया गया? सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी भाजपा-जदयू सरकार के साठगांठ की पोल खोलती है।
बिहार में गिरे पुलों की लंबी फेहरिस्त
उन्होंने कहा कि बिहार में गिरे पुलों की लंबी फेहरिस्त है, जो ये बताने के लिए काफी है कि एनडीए शासन काल में पुलों का रखरखाव केवल कागजी खानापूर्ति है। केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के डबल इंजन सरकार को पंगु बना कर रखा है। बिहार में विकास छोड़िए, जो पहले के संसाधन हैं, उनका भी रखरखाव नहीं हो पा रहा है। पटना के मरीन ड्राइव जेपी गंगा सेतु पर पड़ी दरार तो केवल ताजी खबरें हैं, जो ये बताने को काफी है कि भ्रष्ट अधिकारियों के भरोसे बिहार में निर्माण कार्य संचालित हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने पिछले साल के पुल गिरने के आंकड़े जिले और दिनांक के साथ जारी किया।
1. 2024 में पुल गिरने के मामलों को अगर याद करें तो सबसे पहले 2 मार्च 2024 को सुपौल में कोसी नदी पर निर्माणाधीन बकौर-भेजा घाट पुल ढह गया था। भारत माला योजना के तहत इसका निर्माण हो रहा था। 1200 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा था।
2. इसके बाद 18 जून 2024 को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था।
3. 22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना पुल पानी में समा गया था।
4. उसके दूसरे दिन 23 जून को पूर्वी चंपारण में पुल गिरा था।
5. 27 जून को किशनगंज में एक पुल धवस्त होने की घटना सामने आई थी।
6. 30 जून को किशनगंज में ही फिर से एक पुल धवस्त होने की घटना सामने आई थी।
3 जुलाई को एक ही दिन में गिरे थे 5 पुल
तीन जुलाई के दिन सीवान और सारण जिले में एक ही दिन में पांच पुल गिर गए थे। इस घटना के बाद बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर सीएम नीतीश कुमार आ गए थे।
7. पहला सीवान में तेघड़ा-टेवथा के बीच बना तीन पाया पुल था, जिसकी लंबाई 13 फीट और चौड़ाई आठ फिट थी। 35 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके इसका निर्माण कराया था।
8. सीवान के ही महाराजगंज के देवरिया में तीन पाया का पुल गिरा था, जिसकी लंबाई 30 फीट व चौड़ाई 12 फीट थी। ये पुल 2004 में करीब 10 लाख की लागत से तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने सांसद निधि से बनवाया था।
9. सीवान में ही नौतन-सिकंदरपुर गांव के समीप बना तीन पाया वाला पुल गिरा था जिसकी लंबाई 15 फीट व चौड़ाई तीन फीट थी। उस पुल का निर्माण भी तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपनी सांसद राशि से 1998 में 6 लाख की लागत से करवाया था।
10. सारण जिले की दंदासपुर पंचायत की गंडकी नदी पर बना था, जो गिर गया। ये पुल करीब डेढ़ सौ साल पुराना था।
11. एक ही दिन में 5वें पुल के गिरने की बात करें तो 5वां पुल सारण जिले के लहलादपुर प्रखंड में ये ध्वस्त हुआ था। श्रीढोढ़ानाथ मंदिर के पास गंडकी नदी पर बना पुल पानी के तेज बहाव के कारण गिर गया था। इस पुल का निर्माण 2004 में 22 लाख की लागत से हुआ था, जबकि इसके पास समानांतर जर्जर ब्रिटिश कालीन का पुल अभी तक खड़ा है।
12. 17 अगस्त 2024 को भागलपुर के सुल्तानगंज अगवानी गंगा पुल के पिलर 9 का सुपर स्ट्रक्चर गिर गया था। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण ये घटना घटी थी। पिलर संख्या 9-10 के बीच का स्लैब के सेगमेंट के लिए बना स्ट्रक्चर नदी में समा गया था।
हाई कोर्ट के सीटिंग जजों से जांच कराने की मांग
इन सभी पुलों के क्षतिग्रस्त होने की घटना गिनाने के बाद बिहार कांग्रेस नेता डॉ शकील अहमद खान ने कहा कि हाई कोर्ट के सीटिंग जजों की बेंच इन सभी क्षतिग्रस्त पुलों के मामले की अविलंब जांच करें। संवाददाता सम्मेलन में बिहार विधान परिषद में कांग्रेस के नेता डॉ मदन मोहन झा ने बिहार में भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा के गोद में बैठे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशासनिक अधिकारियों को लूट की खुली छूट दे रखी है। कमीशनखोर सरकार में पुल क्षतिग्रस्त होना, नीतीश-भाजपा सरकार के पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त होने का सुबूत है।