अमिताभ ओझा
BPSC Sent Legal Notice to Prashant Kishore: बिहार में पिछले कई दिनों बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) एग्जाम को लेकर लगातार छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन में प्रशांत किशोर ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने BPSC पर कई आरोप लगाए। अब प्रशांत किशोर को BPSC ने लीगल नोटिस भेजा है, जिसमें प्रशांत किशोर से BPSC पर लगाए गए आरोपों पर साक्ष्य मांगा गया है। वहीं दूसरी तरफ जनसुराज की तरफ से पटना डीटीओ के उन 11 सवालों का जवाब दिया गया है, जो प्रशांत किशोर से उनके वेनिटी वैन को लेकर किए गए थे।
प्रशांत किशोर को BPSC का लीगल नोटिस
बिहार लोक सेवा आयोग ने प्रशांत किशोर को आयोग पर लगाए गए आरोपों को लेकर साक्ष्य मांगते हुए लीगल नोटिस भेजा। इस नोटिस में प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों की वीडियो क्लिप भी भेजी गई है। इस क्लिप में प्रशांत किशोर कहते दिख रहे है कि BPSC की नौकरियों को एक से डेढ़ करोड़ में बेच रही है। साथ ही उन्होंने आयोग पर हजार करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप लगाया है। अगर प्रशांत किशोर द्वारा साक्ष्य नहीं दिया गया तो उन पर BPSC आईटी अधिनियम सहित अन्य अधिनियम के तहत करवाई की अनुशंशा करेंगी।
पटना DTO के 11 सवाल
गांधी मैदान में BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर के वेनिटी वैन को लेकर पिछले दिनों काफी बवाल मचा था। 5 जनवरी को जब प्रशांत किशोर को गिरफ्तार किया गया था, तो उस दौरान वेनिटी वैन को भी जब्त कर लिया गया था। इसके साथ पटना परिवहन विभाग ने वेनिटी वैन को लेकर प्रशांत किशोर से 11 सवाल पूछे थे।
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दरअसल परिवहन विभाग की जांच में वेनिटी वैन को लेकर कई गड़बड़िया पकड़ी गई थी। डीटीओ ऑफिस की जांच रिपोर्ट के अनुसार वाहन का रजिस्ट्रेशन मोटर कार LMV 1seating capicity में किया गया है, जबकि इसका रजिस्ट्रेशन Deluxe केटेगिरी में 25 सीटर कैपिसिटी में किया जाना चाहिए था। वैन का रजिस्ट्रेशन पंजाब का है, जबकि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 49(1)के अंतर्गत 30 दिनों के अंदर गाड़ी मालिक को अपने आवासीय पते से जुड़े RTO/DTO को सूचना देना अनिवार्य है। लेकिन गाड़ी के मालिक के तरफ से इसमें से किसी भी नियम का अनुपालन नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार वैन के चेसिस नंबर के साथ भी छेड़छाड की गई थी, जिसके कारण नंबर साफ नहीं है। इसके अलावा वैन का रजिस्ट्रेशन प्राइवेट में किया गया है, जबकि इसका रजिस्ट्रेशन कमर्शियल के रूप में किया जाना चाहिए था। इसके अलावा इस वैन में एसी, सोफा, बेड, बाथरूम का मॉडिफाइकेशन किया गया है, जो कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 52 का उल्लंघन है। वैन के ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। इसके अलावा वाहन नंबर प्लेट HSRP नहीं है।
DTO को जनसुराज का जवाब
परिवहन विभाग की इन अपतियों को लेकर जनसुराज की तरफ से वेनिटी वैन के मालिक की कंपनी की तरफ से जवाब दिए गए है। वाहन का रजिस्ट्रेशन सन स्टार सेल्स एन्ड डिस्ट्रीब्यूशन के नाम पर है। कंपनी की तरफ से सुशील कुमार सिंह ने कहा है की कंपनी के निदेशक व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए वैन का उपयोग करते है। अभी वाहन पटना में निदेशकों के आवास पर लगा था। 1 जनवरी को प्रशांत किशोर ने निदेशक से छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन की जानकारी दी थी। इसके बाद सार्वजानिक शौचालय की सुविधा के लिए निदेशक ने प्रशांत किशोर को वैन के इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
आधा अधूरा जवाब
हालांकि वेनिटी वैन की कंपनी के जवाब को विभाग ने आधा अधूरा ही माना है, क्योंकि वेनिटी वैन के रजिस्ट्रेशन के सवाल पर जवाब नहीं दिया है। जब वाहन का इस्तेमाल व्यवसायिक उपयोग के लिए किया जाता है, तो इसका रजिस्ट्रेशन प्राइवेट क्यो किया गया? साथ ही लग्जरी के लिए जो फेब्रिकेशन किया गया था वह मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है।