जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी में बिहार के सीवान जिले के गौतम बुद्ध नगर थाना क्षेत्र के वसिलपुर गांव के रहने वाले बीएसएफ जवान रामबाबू सिंह के शहीद होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त कर कहा कि उनकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा। वे इस घटना से काफी दुखी हैं। मुख्यमंत्री ने वीर सपूत की शहादत पर उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शहीद जवान रामबाबू सिंह के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। इसके साथ ही शहीद जवान रामबाबू सिंह का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कौन थे शहीद जवान रामबाबू सिंह?
शहीद जवान रामबाबू सिंह सीवान के बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर गांव के रहने वाले थे। पाक की ओर से की गई गोलीबारी में वे बीते सोमवार को शहीद हो गए थे। 4 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। इस घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा है। पार्थिव शरीर अभी सीवान नहीं आया है।
14 दिसंबर 2024 को हुई थी शादी
शहीद के ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी बेटी अंजली की शादी रामबाबू से 14 दिसंबर 2024 को हुई थी। अंजली एयर इंडिया में कार्यरत हैं और इस समय चार माह की गर्भवती हैं। सोमवार को दोपहर 11 बजे तक दोनों के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इसके कुछ ही घंटों बाद सेना द्वारा घटना की सूचना दी गई। रामबाबू प्रसाद सिवान जिले के गौतम बुद्ध नगर थाना क्षेत्र के वसिलपुर गांव के निवासी थे। इनके पिता हरिहरपुर पंचायत में उप मुखिया रह चुके थे। फरवरी 2025 में शादी के बाद अंतिम सप्ताह में वे घर से ड्यूटी के लिए निकले थे और अब उन्हें छुट्टी पर घर आना था। शादी के बाद पहली बार वे छुट्टी पर जाते, लेकिन पाक सेना की गोलीबारी में वे शहीद हो गए। रामबाबू साल 2018 में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में शामिल हुए थे।
रामबाबू की पत्नी झारखंड के धनबाद की निवासी हैं और इस समय गर्भवती हैं। आजकल वे मायके में थीं, लेकिन पति की शहादत की खबर सुनकर वे भी मायके से ससुराल के लिए निकल गईं। शहीद रामबाबू के पिता रामविचार प्रसाद का 2 साल पहले निधन हो चुका है। मां की तबीयत खराब रहती है। इसलिए परिवार ने अभी तक उन्हें भी बेटे के शहीद होने की खबर नहीं दी है। 2 भाइयों में छोटे रामबाबू ग्रेजुएट थे और परिवार का बड़ा सहारा थे। बड़े भाई हजारीबाग में लोको पायलट हैं।
ये भी पढ़ें- सीएम नीतीश कुमार ने दी शहीद मोहम्मद इम्तियाज को श्रद्धांजलि, परिजनों को 50 लाख की मदद