बिहार एक ऐसा राज्य बना चुका है जहां उगाई जा रही फसलों का डाटा डिजिटल रुप से देखा जा सकता है. कृषि विभाग सभी 38 जिलों में उगाए गए खरीफ फसलों का डाटा डिजिटली उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरूआत कर चुका है. इससे आसानी से पता चल रहा है कि राज्य के किस जिले में फसल की कितने क्षेत्र में खेती की गई है.
कृषि विभाग खरीफ 2025-26 में राज्य के करीब 1 करोड़ 99 लाख से अधिक प्लॉट का डिजिटल क्रॉप सर्वे करने जा रहा है. जिसके बाद सभी 38 जिलों के 30652 से अधिक गांवों में उगाए गए फसलों का डाटा डिजिटली उपलब्ध हो जाएगा. जिससे फसलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी.
साथ ही, इससे कृषि को लेकर बेहतर योजना बनाने में सफलता मिल रही है. राज्य सरकार की योजनाबद्ध नीतियों, आधुनिक तकनीक के समावेश और किसानों को केंद्र में रखकर बनाई गई रणनीतियों के चलते बिहार की कृषि प्रणाली पारंपरिक ढांचे से निकलकर अब एक आधुनिक और लाभकारी प्रणाली में तब्दील हो गई है.
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डिजिटल कृषि निदेशालय का हुआ गठन
कृषि के क्षेत्र में आधुनिकता का ताजा उदाहरण राज्य सरकार द्वारा डिजिटल कृषि निदेशालय का गठन है. अपने तरह का यह देश का पहला निदेशालय है. इसके माध्यम से कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ रियल-टाइम में किसानों तक पहुंचेगा.
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डिजिटल क्रॉप सर्वे, उपग्रह आधारित आंकड़े, ड्रोन तकनीक, मोबाइल एप्स और ई-गवर्नेंस टूल्स के जरिए अब किसानों को और भी सटीक, तेज और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी. कृषि में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से बिहार में कृषि उत्पादन बढ़ा है.