नई दिल्ली: हाल ही में दिल्ली के ताज पैलेस चाणक्यपुरी में अटल मिथिला सम्मान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजनीतिक, सामाजिक, कला एवं पत्रकारिता जगत के तमाम दिग्गज जुटे। अटल भारत फ़ाउंडेशन हर साल देश की जानी-मानी हस्तियों को उनके समाज में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित करता है। इस कार्यक्रम को इस बार बिहार विमर्श के ज़रिए नया आयाम दिया गया।
कई जानी-मानी हस्तियां हुईं शामिल
इस कार्यक्रम में ‘बिहारी आगे लेकिन बिहार पिछड़ा क्यूँ’ इस विषय पर सार्थक चर्चा हुई। जिसमें बिहार के सुनहरे भविष्य का खाका पेश किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार के प्रति अपना नज़रिया पेश किया। मंच पर मौजूद अन्य गणमान्य हस्तियों में शामिल थे पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार के वरिष्ठ नेता डॉ सीपी ठाकुर, सांसद चिराग़ पासवान, देश के पूर्व हेल्थ सेक्रेटेरी डॉ सी के मिश्रा, भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा, राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर, बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ संजय मयूख, फ़िल्म अभिनेता शेखर सुमन, गायक कुमार सानु, गायिका अनुराधा पौडवाल, ऐसी तमाम शख़्सियतों ने बिहार की उन्नति में बिहारी कैसे योगदान दे सकते हैं इसपर अपनी राय रखी।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक प्रदीप झा ने इस चर्चा को बेहद सार्थक बताया और साथ ही वर्ष 2024 में अटल मिथिला सम्मान के मंच से बिहार मैनिफ़ेस्टो जारी किए जाने का संकल्प भी लिया। अटल भारत फ़ाउंडेशन हर साल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल मिथिला सम्मान कार्यक्रम का आयोजन करता है और लगातार पिछले 5 सालों से हज़ारों की तादाद में बिहार का प्रबुद्ध तबका इस कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली पहुँचता है। ये कार्यक्रम बिहार के लोगों के बीच ख़ासा लोकप्रिय है और खुद को स्थापित कर चुका है।
क्यों होता है अटल मिथिला सम्मान कार्यक्रम का आयोजन?
दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त हुआ था। यही कारण है कि मिथिला की जनता के बीच अटल जी ना सिर्फ़ अति लोकप्रिय हैं बल्कि उनके इस योगदान के प्रति कृतज्ञ भी हैं। इसी कृतज्ञता को ज़ाहिर करने के लिए हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन धूम-धाम से किया जाता है।