पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को घेरा है। तेजस्वी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी मां राबड़ी देवी से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नौकरी के बदले जमीन मामले में की गई पूछताछ देश में राजनीतिक बदलाव, खासकर राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव और पिछले सप्ताह कर्नाटक में भाजपा की हार से जुड़ी है।
उन्होंने कहा, “हम जानते थे कि ऐसा होगा। वे हमें निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे कर्नाटक के बाद बिहार से डरते हैं। वे मुझे भविष्य में मामले में फंसा सकते हैं। मेरा नाम चार्जशीट में नहीं हैं, लेकिन जोड़ा जा सकता है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से केंद्रीय एजेंसी द्वारा दिल्ली में लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की गई थी।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा में राजद सांसद), चंदा यादव और रागिनी यादव सहित राबड़ी देवी के बच्चों से भी एजेंसी ने पिछले कुछ महीनों में इस मामले में पूछताछ की है। एजेंसी ने दावा किया था कि उसने इस साल मार्च में मामले में तलाशी के दौरान 1 करोड़ रुपये की “बेहिसाब नकदी” जब्त की थी और 600 करोड़ रुपये के अपराध की आय का पता लगाया था।
कथित घोटाला 2000 के दशक की शुरुआत में रेल मंत्री के रूप में लालू यादव के कार्यकाल से संबंधित है। एजेंसियों का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच कई लोगों को भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में कनिष्ठ पदों पर नियुक्त किया गया और बदले में उन्होंने अपनी जमीन यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दी। सीबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था।